''पहलगाम हमले के 3 दिन पहले केंद्र को मिल चुकी थी खुफिया रिपोर्ट'' खरगे का दावा- PM मोदी ने रद्द कर दिया था दौरा
punjabkesari.in Tuesday, May 06, 2025 - 10:15 PM (IST)

नेशनल डेस्कः कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक बार फिर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है। मंगलवार को रांची में आयोजित 'संविधान बचाओ रैली' को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से तीन दिन पहले प्रधानमंत्री ने खुफिया इनपुट के आधार पर अपनी कश्मीर यात्रा रद्द कर दी थी, तो फिर आम नागरिकों को उस खतरे से क्यों नहीं सतर्क किया गया?
क्या है पूरा मामला?
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी गई थी। हमले के बाद केंद्र सरकार ने माना था कि यह "खुफिया तंत्र की विफलता" का परिणाम था। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन पर डाली गई है।
खरगे के आरोप:
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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की यात्रा 19 अप्रैल को निर्धारित थी, जिसमें उन्हें चिनाब रेलवे ब्रिज का उद्घाटन और वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखानी थी, लेकिन यह दौरा आधिकारिक रूप से 'खराब मौसम' के कारण रद्द किया गया।
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खरगे ने दावा किया कि खुफिया एजेंसियों ने पीएम को खतरे के बारे में पहले ही आगाह कर दिया था, और इसी कारण से उनकी यात्रा स्थगित की गई थी।
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उन्होंने सवाल उठाया:
“जब प्रधानमंत्री को इस खतरे की जानकारी दी गई, तो आम लोगों की सुरक्षा के लिए उपाय क्यों नहीं किए गए?”
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उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को केवल खुफिया चूक मानने से काम नहीं चलेगा, 26 लोगों की मौत की जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए।
कांग्रेस का रुख:
खरगे ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए हर कदम का कांग्रेस समर्थन करेगी, लेकिन उन्होंने मांग की कि आंतरिक सुरक्षा पर पारदर्शिता और जवाबदेही भी जरूरी है।
भाजपा का पलटवार:
भाजपा ने खरगे के बयान को “सुरक्षाबलों का मनोबल गिराने वाला” बताया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा:
“एक ओर आप सर्वदलीय बैठक में सरकार के साथ खड़े होने की बात करते हैं, दूसरी ओर सार्वजनिक मंच से देश को कमजोर करने वाले बयान दे रहे हैं।”
भाजपा के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि खरगे का बयान “आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ चल रही निर्णायक लड़ाई के समय एक ग़लत और गैर-जिम्मेदाराना संकेत” है।
अन्य मुद्दों पर भी हमलावर रहे खरगे
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झारखंड की गठबंधन सरकार की उपलब्धियाँ गिनाईं और झारखंड के लोगों को धन्यवाद दिया।
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केंद्र की PSU नीति पर आरोप लगाया कि इससे दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्गों की नौकरियाँ खत्म हो रही हैं।
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कहा कि 30 लाख सरकारी पद खाली हैं, जिन्हें भरने में सरकार कोई रुचि नहीं ले रही।
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‘नेशनल हेराल्ड’ केस में ईडी के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया और इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया।
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उन्होंने कहा,
“अब वे हमें देशभक्ति सिखा रहे हैं, जबकि आज़ादी की लड़ाई में हमारे नेताओं ने जेलें भरी हैं, बलिदान दिया है।”
यह विवाद ऐसे समय में गहराया है जब भारत-पाकिस्तान संबंध तनावपूर्ण हैं और केंद्र सरकार ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर कड़ा संदेश दिया है। विपक्ष द्वारा सरकार से प्रशासनिक जवाबदेही की मांग और सत्ताधारी दल द्वारा 'राष्ट्रहित से समझौता' बताना—दोनों ही दृष्टिकोणों ने राजनीतिक विमर्श को तीव्र बना दिया है।