केंद्र ने छोटे शहरों में 50 से अधिक हवाई अड्डों के विस्तार के लिए पंचवर्षीय योजना का किया ऐलान
punjabkesari.in Friday, Sep 06, 2024 - 10:56 AM (IST)
नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार ने छोटे शहरों में 50 से अधिक हवाई अड्डों के विकास और विस्तार के लिए एक व्यापक पंचवर्षीय योजना का ऐलान किया है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (ए.ए.आई.) की अगुवाई में इस रणनीतिक पहल का उद्देश्य 2030 तक विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है। इस योजना का ऐलान ऐसे समय में हुआ है जब देश में घरेलू हवाई यात्रा की मांग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। आंकड़ों का हवाले देते हुए एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2 सितंबर को घरेलू हवाई यातायात 477,554 यात्रियों की संख्या के साथ शिखर पर पहुंच गया है। इस साल की शुरुआत में 21 अप्रैल को यह आंकड़ा 470,751 था।
50 लाख यात्रियों की होगी बिहटा हवाई अड्डे की क्षमता
इस योजना के तहत बिहार के बिहटा हवाई अड्डे का भी विकास किया जाएगा, यह बिहार की राजधानी पटना के लिए द्वितीयक हवाई अड्डे के रूप में काम करेगा। ऐसा माना जा रहा है कि बिहटा हवाई अड्डे का शिलान्यास समारोह 2024 के अंत तक होगा। एक बार चालू होने के बाद बिहटा हवाई अड्डे पर 60 से अधिक चेक-इन काउंटर, 15 से अधिक सेल्फ-चेक-इन कियोस्क होंगे और व्यस्त समय के दौरान 3,000 यात्रियों को संभालने की क्षमता होगी। अगले दो दशकों में हवाई अड्डे की वार्षिक क्षमता 50 लाख यात्रियों तक होने का अनुमान है।
अंकलेश्वर और द्वारका में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों का निर्माण
पंचवर्षीय योजना में गुजरात के अंकलेश्वर और द्वारका में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों का निर्माण भी शामिल है। प्रबंधन परामर्श फर्म प्राइमस पार्टनर्स की उपाध्यक्ष प्रज्ञा प्रियदर्शिनी के अनुसार नियोजित विकास परियोजनाओं से वर्तमान में कम सेवा वाले या असेवा वाले शहरों से हवाई यात्रा की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। जैसे-जैसे इन क्षेत्रों में नए उद्योग, बुनियादी ढांचे और सेवाएं उभरेंगी, देश और दुनिया के अन्य हिस्सों से कुशल कनेक्टिविटी की आवश्यकता बढ़ती जाएगी।
भारतीय एयरलाइंस भी बढ़ा रही हैं क्षमता
रिपोर्ट के मुताबिक नए हवाई अड्डों के अलावा सरकार कई वायु सेना स्टेशनों पर नए सिविल एन्क्लेव पर विकास कार्य शुरू करने की तैयारी कर रही है। अगले पांच वर्षों के लिए निर्धारित परियोजनाओं में तमिलनाडु में तंजावुर, पश्चिम बंगाल में हासीमारा और लद्दाख में थोईस आदि शामिल हैं। इसके अलावा, मौजूदा हवाई अड्डों को बड़े विमानों के लिए स्थानांतरित करने की तैयारी है। वर्तमान में भारत में अंतरराष्ट्रीय, घरेलू और कस्टम हवाई अड्डों सहित 131 हवाई अड्डे कार्यरत हैं। हवाई यातायात में वृद्धि जारी रहने के कारण भारतीय एयरलाइंस बढ़ती मांग को पूरा करने की तैयारी कर रही हैं। इंडिगो, एयर इंडिया और अकासा एयर जैसी प्रमुख एयरलाइन्स ने दशक के अंत तक 1,600 से अधिक नए विमान पेश करने की योजना बनाई है, जिससे क्षमता और कनेक्टिविटी में और वृद्धि होगी।