2 साल से छोटे बच्चों को न दें ''Cough Syrup'', केंद्र सरकार ने जारी की एडवाइजरी
punjabkesari.in Saturday, Oct 04, 2025 - 12:00 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार ने देशभर के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक अहम एडवाइजरी जारी की है। इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि 2 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप नहीं देनी चाहिए। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) ने यह सलाह ऐसे समय में दी है, जब मध्य प्रदेश में कथित तौर पर दूषित कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत की खबरें आई थीं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि मध्य प्रदेश में जांचे गए किसी भी सिरप के नमूने में डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) या एथिलीन ग्लाइकॉल (EG) नहीं पाया गया। ये दोनों तत्व किडनी को गंभीर नुकसान पहुँचा सकते हैं।
ये भी पढ़ें- Asia Cup Trophy Controversy: ट्रॉफी न लेने पर भारत को चुनौती देने वाले मोहसिन नकवी को मिलेगा राष्ट्रीय सम्मान!
बड़ों के लिए भी सावधानी जरूरी
स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत आने वाले DGHS ने अपनी एडवाइजरी में कहा है कि सामान्य तौर पर 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए भी कफ सिरप के इस्तेमाल की सिफारिश नहीं की जाती है। बुजुर्गों (वृद्ध लोगों) के लिए भी सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। उनके लिए कफ सिरप का उपयोग डॉक्टर के सही मूल्यांकन, कड़ी निगरानी और खुराक के सख्त पालन पर ही आधारित होना चाहिए।
डॉक्टर की सलाह पर ही लें दवा
DGHS की डॉक्टर सुनीता शर्मा द्वारा जारी इस परामर्श में लोगों को डॉक्टरों के नुस्खे (पर्चे) का पालन करने के लिए जागरूक करने को कहा गया है। इसमें बच्चों को कफ सिरप देने से पहले डॉक्टरी सलाह पर जोर दिया गया है। एडवाइजरी में यह भी बताया गया है कि बच्चों में होने वाली गंभीर खांसी की बीमारियाँ ज्यादातर दवा के बिना भी अपने आप ठीक हो जाती हैं।
ये भी पढ़ें- Post Office Scheme: जानें 15+5+5 का PPF कैलकुलेशन ! सिर्फ़ ₹1.5 लाख निवेश करें और पाएं 1 करोड़, जानिए कैसे?
डॉक्टरों और दवा विक्रेताओं के लिए जारी किए निर्देश
परामर्श में सभी स्वास्थ्य केंद्रों और क्लीनिकों से कहा गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि वे केवल सही ढंग से तैयार किए गए उत्पादों को ही खरीदें और बेचें। एडवाइजरी में कहा गया है कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के डॉक्टरों और दवा विक्रेताओं का जागरूक होना बहुत जरूरी है, ताकि देखभाल के इन मानकों को बनाए रखा जा सके। सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य विभागों और जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को यह सलाह सरकारी दवाखाने, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पतालों और अन्य चिकित्सा संस्थानों में तुरंत लागू करने और प्रसारित करने का निर्देश दिया गया है।
सिरप की हुई थी गहन जाँच
दूषित सिरप से बच्चों की मौत की खबरों के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) जैसी संस्थाओं की एक संयुक्त टीम को मध्य प्रदेश भेजा था। इस टीम ने विभिन्न कफ सिरप के नमूने इकट्ठे किए। जाँच के परिणामों में मंत्रालय ने पुष्टि की कि किसी भी नमूने में किडनी को गंभीर नुकसान पहुँचाने वाले तत्व DEG या EG नहीं पाए गए। राजस्थान से दूषित सिरप की खबरों पर भी मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि संदिग्ध उत्पाद में प्रोपिलीन ग्लाइकॉल नहीं था, जो DEG/EG संदूषण का संभावित स्रोत होता है।