सरकारी नौकरी करने वालें कर्मचारियों को कितना मिलता है दिवाली बोनस? जानें
punjabkesari.in Wednesday, Oct 08, 2025 - 03:34 PM (IST)

नेशनल डेस्क : त्योहारों की धूम में डूबे देश को मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए खुशियों की बौछार कर दी है। दिवाली से ठीक पहले कैबिनेट की बैठक में महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) में 3 फीसदी की बढ़ोतरी को मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों का प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस (PLB) देने का ऐलान भी हो गया। इन फैसलों से लाखों कर्मचारियों की दिवाली और भी रौनकदार हो जाएगी। आइए, जानते हैं कि इस बार किसे कितना फायदा मिलेगा।
DA-DR में 3% बढ़ोतरी
केंद्र सरकार ने 1 अक्टूबर 2025 को हुई कैबिनेट बैठक में केंद्रीय कर्मचारियों के DA और पेंशनभोगियों के DR में 3 फीसदी की बढ़ोतरी को हरी झंडी दे दी। इससे DA की दर 55 फीसदी से बढ़कर 58 फीसदी हो गई है। यह बढ़ोतरी 1 जुलाई 2025 से प्रभावी होगी, यानी अक्टूबर की सैलरी में जुलाई, अगस्त और सितंबर का एरियर (बकाया राशि) जुड़कर आएगा।
इस फैसले का लाभ लगभग 49 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनभोगियों को मिलेगा। सरकार पर इसका सालाना वित्तीय बोझ करीब 12,000 करोड़ रुपये का अनुमान है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है, तो मासिक DA में 540 रुपये की बढ़ोतरी होगी। अक्टूबर सैलरी के साथ 1,620 रुपये का एरियर भी जुड़ेगा।
यह बढ़ोतरी सातवें वेतन आयोग के फॉर्मूले पर आधारित है, जिसमें उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI) के आधार पर गणना की जाती है। इससे पहले मार्च 2025 में 2 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी, जिससे DA 53 फीसदी से 55 फीसदी हो गया था।
महंगाई भत्ता (DA) क्या है और क्यों बढ़ाया जाता है?
महंगाई भत्ता केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी का एक निश्चित हिस्सा होता है, जो बढ़ती महंगाई से उनकी क्रय शक्ति को बनाए रखने के लिए दिया जाता है। सरकारी नौकरियों में DA का महत्व इसलिए है क्योंकि यह महंगाई के असर को न्यूनतम करता है। जैसे-जैसे बाजार में चीजों के दाम बढ़ते हैं, कर्मचारियों की बचत और खर्च प्रभावित होता है। DA इसी कमी को पूरा करता है, ताकि कर्मचारी और पेंशनभोगी तनाव-मुक्त जीवन जी सकें।
यह भत्ता हर छह महीने में AICPI के आंकड़ों के आधार पर संशोधित किया जाता है। वर्तमान में, DA बेसिक पे का 58 फीसदी है, जो कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा, खासकर त्योहारों के मौसम में।
रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों का PLB
रेलवे कर्मचारियों के लिए तो इस बार 'लॉटरी' लग गई है। 24 सितंबर 2025 को कैबिनेट ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 78 दिनों के प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस (PLB) को मंजूरी दी। इसका भुगतान दशहरा से पहले किया जाएगा, और अधिकतम राशि 17,951 रुपये प्रति कर्मचारी होगी।
इस बोनस का फायदा करीब 10.91 लाख नॉन-गजेटेड रेलवे कर्मचारियों को मिलेगा, जिनमें ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, गार्ड, स्टेशन मास्टर, सुपरवाइजर, टेक्नीशियन और अन्य ग्रुप 'C' स्टाफ शामिल हैं। कुल राशि 1,865.68 करोड़ रुपये की होगी। PLB रेलवे कर्मचारियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन को प्रोत्साहित करने के लिए दिया जाता है।
बिहार के दानापुर डिवीजन में कार्यरत क्लर्क आरती कुमारी ने बताया, "इस बार दशहरे पर सभी योग्य कर्मचारियों को बोनस मिला। स्टेशन मास्टर (ग्रेड-A) से लेकर ग्रेड-D तक के स्टाफ को 17,951 रुपये तक दिए गए। हालांकि, जिनकी जॉइनिंग एक साल से कम हुई है, उन्हें यह लाभ नहीं मिलेगा।"
अन्य केंद्रीय कर्मचारियों को 30 दिनों का नॉन-PLB बोनस
केंद्रीय ग्रुप 'C' और नॉन-गजेटेड ग्रुप 'B' के कर्मचारियों के लिए 29 सितंबर 2025 को 30 दिनों के वेतन के बराबर नॉन-प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस (NPLB) का ऐलान किया गया। अधिकतम राशि 6,908 रुपये प्रति कर्मचारी होगी। यह बोनस सुरक्षा बलों, केंद्र शासित प्रदेशों के कर्मचारियों और अन्य विभागों को भी मिलेगा। GST विभाग के सीनियर अधिकारी मुकेश कुमार ने स्पष्ट किया, "दिवाली बोनस सीनियर ग्रेड के अधिकारियों को नहीं मिलता। यह मुख्य रूप से फोर्थ रैंक (क्लेरिकल जॉब) के कर्मचारियों को बेसिक सैलरी के आधार पर दिया जाता है।"
सरकारी डॉक्टरों और नर्सों के लिए बोनस की स्थिति
सरकारी अस्पतालों में कार्यरत एक कर्मचारी ने बताया कि जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर (JR) को बोनस नहीं मिलता। वहीं, सभी सरकारी नर्सों को बेसिक पे के अनुसार दिवाली बोनस दिया जाता है। हालांकि, ESIC अस्पतालों में कार्यरत नर्सों को इस बार यह लाभ नहीं मिल रहा।
कर्मचारियों की खुशी, अर्थव्यवस्था को मिलेगा बूस्ट
इन फैसलों से कर्मचारियों में उत्साह की लहर है। विशेषज्ञों का कहना है कि DA-DR बढ़ोतरी और बोनस से बाजार में खरीदारी बढ़ेगी, जो त्योहारी सीजन को गति देगी। सरकार ने एक बार फिर अपने कर्मचारियों के कल्याण को प्राथमिकता दी है, जो 'सबका साथ, सबका विकास' की नीति को दर्शाता है।