चिंता के बावजूद तापी गैस पाइपलाइन में भारत ने रुचि गहरी की

punjabkesari.in Monday, Feb 19, 2018 - 06:10 PM (IST)

नई दिल्ली(रंजीत कुमार): मध्य एशिया को दक्षिण एशिया से जोडऩे वाली पाकिस्तान की भागीदारी वाली अरबों डालर की तापी गैस पाइपलाइन परियोजना की आधारशिला रखने के लिए आगामी 23 फरवरी को आयोजित कार्यक्रम में भारत भाग लेने को तैयार हो गया है।

अपनी भागीदारी को लेकर चिंतत है भारत
 तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत (तापी ) पाइपलाइन परियोजना में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के मौजूदा अस्थिर सुरक्षा माहौल के मद्देनजर भारत अपनी भागीदारी को लेकर चिंतित था, लेकिन भारत पिछले एक दशक से चली आ रही हिचक को तोड़ते हुए इसकी अफगानिस्तान हिस्से वाली पाइपलाइन की आधारशिला रखने के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अपने प्रतिनिधि को अफगानिस्तान भेजने को तैयार हो गया है। 1814 किलोमीटर लम्बी पाइपलाइन अफगानिस्तान और पाकिस्तान के अशांत और विद्रोह ग्रस्त इलाकों से हो कर  पंजाब के फाजिल्का तक पहुंचाने की योजना है। इस पाइपलाइन के जरिए तुर्कमेनिस्तान के गैस कुओं से गैस भारत तक भेजने की योजना है। यहां राजनयिक सूत्रों ने कहा कि आने वाले सालों में भारत में ऊर्जा की मांग में भारी इजाफा होगा जिसकी पूर्ति स्वदेशी गैस संसाधनों से नहीं हो सकेगी। 

2015 में हामिद अंसारी ने किया था भारत का प्रतिनिधित्व
इस पाइपलाइन के जरिए हर साल 33 अरब घन मीटर गैस की सप्लाई होगी। इसमें से भारत और पाकिस्तान 14 अरब घन मीटर गैस खरीदेंगे जब कि अफगानिस्तान को पांच अरब घन मीटर की सप्लाई होगी। इस पाइपलाइन को एशियाई विकास बैंक से वित्तीय मदद मिल रही है लेकिन हाल में सऊदी अरब ने भी इसमें हिस्सेदारी लेने की पेशकश की है। तुर्कमेनिस्तान से शुरू होने वाली इस पाइपलाइन की आधारशिला दिसम्बर, 2015 में रखी गई थी। तब इसमें भारत का प्रतिनिधित्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने किया था। लेकिन पाकिस्तान के साथ चल रहे तनावों के मदद्नजर भारत इस पाइपलाइन में सक्रिय रुचि नहीं ले रहा था। राजनयिक सूत्रों के मुताबिक यह पाइपलाइन पाकिस्तान के विद्रोहग्रस्त प्रांतों से होकर गुजरेगी इसलिए पाइपलाइन की सुरक्षा सुनिश्चित करना मुमकिन नहीं हो सकेगा। भारतीय सूत्रों का यह भी कहना है कि पाकिस्तान के साथ तनाव बढऩे की स्थिति में पाकिस्तान  अपने हिस्से से गुजरने वाली पाइपलाइन को बंद कर सकता है। यहां सूत्रों ने बताया कि आधारशिला रखे जाने के दौरान चारों देशों के प्रतिनिधि पाइपलाइन को लेकर व्यावसायिक अनुबंध के विभिन्न पहलुओं को अंतिम रुप देंगे।

 


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