मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए त्रिआयामी दृष्टिकोण पर काम कर रही केंद्र, शाह बोले- तुरंत समाप्त होनी चाहिए हिंसा

punjabkesari.in Wednesday, May 31, 2023 - 07:32 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केंद्र संकटग्रस्त मणिपुर में स्थायी शांति के लिए, संघर्षरत मैतेई और कुकी समुदायों के बीच न्यूनतम सहमति की जमीन तैयार करने के लिए त्रिआयामी दृष्टिकोण पर काम कर रहा है। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। मणिपुर का दौरा कर रहे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा की तुरंत समाप्ति और जल्द से जल्द शांति बहाल करने का स्पष्ट निर्देश दिया है । गतिविधियों के बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि सरकार मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए त्रिस्तरीय दृष्टिकोण पर काम कर रही है। इनमें प्रभावित लोगों के साथ बातचीत करना, विस्थापित लोगों का बढ़ी सुरक्षा के साथ पुनर्वास करना और विद्रोहियों पर नियंत्रण करना शामिल है।

सरकार के समक्ष प्रमुख चुनौती मैतेई और कुकी समुदायों के बीच भरोसा कायम करना है। सूत्रों ने कहा, इसलिए केंद्र मणिपुर में समाज के हर वर्ग तक पहुंचने के लिए सभी प्रयास कर रहा है और स्थायी शांति के लिए उनमें एक न्यूनतम आम सहमति बनाने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि इस बात की चिंता है कि कई आतंकवादी अपने निर्धारित शिविरों से चले गए हैं और उन्हें वापस लाने के प्रयास जारी हैं। सूत्रों ने कहा कि सुरक्षा बल सभी समुदायों के सदस्यों से कह रहे हैं कि अगर उनके पास हथियार हैं तो उन्हें सौंप दें।

मणिपुर की शांति और समृद्धि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
मैतेई और कुकी दोनों समुदायों के प्रभावित लोगों में से कुछ, जिन्हें सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाया गया था, वे अपने घर लौटना चाहते हैं। सूत्रों ने कहा कि प्रशासन को निर्देश दिया जा रहा है कि उन्हें सुरक्षित वातावरण मुहैया कराया जाए ताकि वे अपना सामान्य जीवन फिर से शुरू कर सकें। पूर्वोत्तर राज्य में विश्वास बहाली के उपायों के तहत यात्रा कर रहे शाह समाज के सभी वर्गों से बात कर रहे हैं और हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा है कि मणिपुर की शांति और समृद्धि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और अधिकारियों को शांति भंग करने वाली किसी भी गतिविधि से सख्ती से निपटने का निर्देश दिया है। तीन मई को मणिपुर में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद गृह मंत्री पहली बार पूर्वोत्तर राज्य का दौरा कर रहे हैं।

संघर्ष में 80 लोगों ने गंवाईं जान 
अधिकारियों ने बताया कि संघर्ष में मरने वालों की संख्या बढ़कर 80 हो गई है। मणिपुर में ‘जनजातीय एकता मार्च' के बाद पहली बार जातीय हिंसा भड़क उठी थी। अनुसूचित जाति (एसटी) के दर्जे की मांग को लेकर मैतेई समुदाय ने तीन मई को प्रदर्शन किया था जिसके बाद ‘जनजातीय एकता मार्च' का आयोजन किया था। आरक्षित वन भूमि से कुकी ग्रामीणों को बेदखल करने को लेकर तनाव के चलते, पहले भी हिंसा हुई थी, जिसके कारण कई छोटे-छोटे आंदोलन हुए थे।


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Content Editor

rajesh kumar

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