ऑफ द रिकॉर्डः ‘हाथरस कांड में सी.बी.आई. की तेजी योगी की गति धीमी करने के लिए थी’
punjabkesari.in Saturday, Jan 30, 2021 - 06:00 AM (IST)
नई दिल्लीः अक्सर यह आरोप लगाया जाता है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सी.बी.आई.) सरकार के इशारों पर नाचती है और उसके कहे अनुसार लोगों को निशाना बनाती है परंतु आपको अपने विचार बदलने पड़ सकते हैं। सी.बी.आई. ने हाथरस कांड, जिसमें एक युवती से बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी, में बड़ी तेजी दिखाई और मामले की जांच पूरी कर डाली।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि इस मुद्दे के जरिए उनकी सरकार को अस्थिर करने की साजिश की गई। सितम्बर 2020 में हुई इस घटना पर देशभर में बवाल मचने पर अदालत के हस्तक्षेप के बाद यह मामला सी.बी.आई. को सौंपा गया था। ऐसा माना जा रहा था कि सी.बी.आई. सालभर नहीं तो कम से कम महीनों तक तो इस केस पर बैठी रहकर कुछ नहीं करेगी। ऐसा सोचना गलत भी नहीं क्योंकि ऐसे कई मामले हैं जिनमें जांच एजैंसी कभी फोरैंसिक सबूत का इंतजार करती रहती है तो कभी विसरा रिपोर्ट का। इस तरह जांच ठहरी रहती है।
याद करें, सुशांत राजपूत को जो जून 2020 में मुम्बई स्थित अपने अपार्टमैंट में फांसी से लटके पाए गए थे और पूरी दुनिया हिल गई थी। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद मामला सी.बी.आई. को सौंपा गया। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एन.सी.बी.) को सुशांत की लिव-इन पार्टनर रिया चक्रवर्ती के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला।
प्रवर्तन निदेशालय (ई.डी.) को भी कुछ नहीं मिला था जिससे उसने चुप्पी साधना ही बेहतर समझा। इस सबके बावजूद सी.बी.आई. सुशांत मामले की जांच कर रही है और कुछ बता नहीं रही है, वह भी तब जब बिहार चुनाव हो चुका है। जरा रुक जाइए, उत्तर प्रदेश चलते हैं। सी.बी.आई. ने अपनी जांच में इस बात की पुष्टि की थी कि हाथरस कांड में युवती से बलात्कार हुआ था जिसके बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। यह योगी सरकार के लिए बड़ा झटका था। जब योगी से दिल्ली में अपने आकाओं से सी.बी.आई. की रिपोर्ट पर नाराजगी जताई थी तो उन्हें जवाब मिला था, ‘‘सी.बी.आई. पूरी तरह स्वतंत्र है, हम उसके काम में हस्तक्षेप नहीं करते।’’
हो सकता है कि भगवा-धारी इस महंत की बढ़ती लोकप्रियता दिल्ली में बैठे राजनेताओं का दिल जलाती हो परंतु भगवा ब्रिगेड में उनकी बड़ी मांग है और उन्हें चुनाव प्रचार के लिए देशभर में सबसे अधिक बुलाया जाता है। दिल्ली के सत्ता के गलियारों में हाथरस मामले में सी.बी.आई. रिपोर्ट राजनीतिक मंशा से चली गई चाल समझी जाती है जिसका उद्देश्य योगी को उनका कद याद दिलाना था। थोड़ा इंतजार करें, देखते हैं कि दिल्ली के सत्ता प्रतिष्ठान में चल क्या रहा है?