केरल में फोन पर तीन तलाक देने पर पति के खिलाफ केस दर्ज, महिला ने लगाया क्रूरता का आरोप

punjabkesari.in Saturday, Apr 12, 2025 - 12:50 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केरल के मलाप्पुरम जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने अपने पति पर फोन पर तीन तलाक देने का गंभीर आरोप लगाया है। पुलिस ने महिला की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज कर लिया है। महिला की शिकायत के अनुसार, पति ने महिला के पिता के फोन पर कॉल करके उसे तीन तलाक दे दिया। 

फोन पर पिता के माध्यम से दिया गया तीन तलाक

महिला द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, उसके पति ने सीधे उसे नहीं, बल्कि उसके पिता के मोबाइल फोन पर कॉल करके तीन बार "तलाक" कहकर उसे तलाक दे दिया। यह घटना हाल ही में घटित हुई और महिला ने इसकी सूचना पुलिस को दी।

तीन तलाक कानून के तहत मामला दर्ज

पुलिस ने बताया कि इस मामले में  मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम 2019 के तहत केस दर्ज किया गया है। यह अधिनियम 2019 में केंद्र सरकार द्वारा लाया गया था, जो तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को अपराध की श्रेणी में लाता है और इसमें तीन साल तक की सजा का प्रावधान है।

आईपीसी की धाराओं में भी मामला दर्ज

महिला ने यह भी आरोप लगाया है कि शादी के समय और उसके बाद, जब वह ससुराल में थी, तब उसके पति और उसके परिवार वालों ने मानसिक और शारीरिक क्रूरता की। इसी आधार पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की निम्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है:-

धारा 498ए – विवाहिता महिला के साथ पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता  
धारा 406 – आपराधिक विश्वासघात  
धारा 34 – सामान्य इरादा  

करीब एक साल से पति से अलग रह रही थी महिला

पुलिस के अनुसार, कोंडोट्टी निवासी महिला करीब एक साल से अपने पति से अलग रह रही थी। महिला ने बताया कि उसे विवाह के बाद से लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था। उसने यह भी आरोप लगाया कि ससुराल में उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया।

जांच शुरू, आगे की कार्रवाई सबूतों पर निर्भर

पुलिस ने बताया कि महिला की शिकायत पर प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर ली गई है और अब मामले की जांच प्रारंभ हो चुकी है। हालांकि, पुलिस ने यह भी कहा कि आगे की कानूनी कार्रवाई तभी की जाएगी जब प्रारंभिक जांच में महिला द्वारा लगाए गए आरोपों की पुष्टि हो जाएगी।

तीन तलाक कानून लागू होने के बाद भी ऐसे मामले जारी

यह मामला ऐसे समय सामने आया है जब तीन तलाक पर पाबंदी लगाने वाला कानून लागू हुए कई साल हो चुके हैं। इसके बावजूद कुछ समुदायों में अब भी इस कानून को लेकर जागरूकता की कमी देखी जा रही है। ऐसे में यह मामला एक बार फिर इस मुद्दे पर चर्चा का विषय बन गया है।

महिला अधिकारों की सुरक्षा के बावजूद चुनौतियाँ कायम

हालांकि सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए तीन तलाक को अपराध घोषित किया है, लेकिन जमीनी स्तर पर इसके प्रभाव में धीमी प्रगति देखने को मिल रही है। यह मामला न केवल एक महिला के व्यक्तिगत संघर्ष की कहानी है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कानून के बावजूद सामाजिक जागरूकता और न्याय तक पहुंच अब भी एक लंबा सफर तय करना बाकी है। 
 


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News Editor

Rahul Rana

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