Global Cancer Deaths 2050: 2050 तक कैंसर से 75% तक बढ़ेंगी मौतें, स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

punjabkesari.in Saturday, Sep 27, 2025 - 03:10 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दुनिया भर में कैंसर अब केवल एक बीमारी नहीं, बल्कि एक ऐसी महामारी का रूप लेने जा रहा है जो आने वाले वर्षों में करोड़ों ज़िंदगियों को निगल सकता है। द लांसेट जर्नल में प्रकाशित हालिया वैश्विक अध्ययन ने एक गंभीर चेतावनी दी है—अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो वर्ष 2050 तक कैंसर से हर साल होने वाली मौतों में 75% तक की बढ़ोतरी हो सकती है।

हर साल 1.86 करोड़ मौतों का खतरा

यह रिपोर्ट बताती है कि फिलहाल हर साल लगभग 1.04 करोड़ लोग कैंसर के कारण अपनी जान गंवाते हैं, लेकिन वर्ष 2050 तक यह आंकड़ा बढ़कर 1.86 करोड़ तक पहुंच सकता है। यानी, हर साल कैंसर से मरने वालों की संख्या में लगभग 8.2 मिलियन (82 लाख) का इज़ाफा हो सकता है।

कैंसर के मामले भी होंगे दोगुने

सिर्फ मौतें ही नहीं, बल्कि नए कैंसर मामलों में भी जबरदस्त उछाल आने की आशंका जताई गई है। 2023 में जहां 1.85 करोड़ नए मरीज सामने आए, वहीं 2050 तक यह संख्या बढ़कर 3.05 करोड़ हो सकती है—जो कि 61% की बढ़ोतरी होगी।

भारत में मामलों में जबरदस्त उछाल, चीन में गिरावट

रिपोर्ट का एक दिलचस्प और चिंताजनक पहलू यह है कि भारत में कैंसर के मामलों में बीते तीन दशकों में 26.4% की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो विश्व में सबसे तेज़ बढ़ती दरों में से एक है। इसके विपरीत, चीन में इसी दौरान कैंसर केसों में 18.5% की गिरावट देखी गई। यह साफ दर्शाता है कि कुछ देशों ने स्वास्थ्य नीतियों और जीवनशैली में सुधार के ज़रिए हालात काबू में किए हैं, जबकि अन्य अब भी संघर्ष कर रहे हैं।

बढ़ती उम्र और बिगड़ती जीवनशैली बने सबसे बड़े कारण

विशेषज्ञों का मानना है कि कैंसर की इस तेज़ रफ्तार के पीछे दो मुख्य वजहें हैं—

बदलती जीवनशैली, जिसमें तंबाकू, शराब, अस्वास्थ्यकर खानपान, मोटापा और व्यायाम की कमी शामिल हैं।

बुजुर्ग आबादी में वृद्धि, क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

40% से ज्यादा मौतें रोकी जा सकती हैं

रिपोर्ट यह भी बताती है कि वैश्विक स्तर पर कैंसर से होने वाली मौतों में से 40% से अधिक उन कारणों से होती हैं जिन्हें समय रहते नियंत्रित किया जा सकता है। इनमें शामिल हैं:

तंबाकू और अल्कोहल का सेवन

प्रोसेस्ड और अनहेल्दी फूड

शारीरिक निष्क्रियता

उच्च रक्त शर्करा

मोटापा

जीवनशैली में परिवर्तन लाकर और जागरूकता के ज़रिए लाखों जानें बचाई जा सकती हैं।

स्वास्थ्य नीतियों की कमी बनी बड़ी चुनौती

अध्ययन की प्रमुख लेखिका डॉ. लिसा फोर्स के अनुसार, कैंसर को लेकर वैश्विक नीति और स्वास्थ्य योजनाएं अभी भी पिछड़ रही हैं। दुनिया के अधिकांश देशों में न पर्याप्त फंडिंग है, न ही व्यापक स्क्रीनिंग और समय पर इलाज की व्यवस्था। यदि स्वास्थ्य सेवाएं समान और गुणवत्तापूर्ण हों, तो कैंसर से मौतों को बड़े पैमाने पर रोका जा सकता है।

क्या है समाधान?

रिपोर्ट स्पष्ट रूप से संकेत देती है कि आने वाला समय अगर संभालना है, तो हमें अभी से काम शुरू करना होगा:

तंबाकू और शराब पर सख्त नियंत्रण।

स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा।

हर देश में कैंसर स्क्रीनिंग को अनिवार्य करना।

 


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Content Writer

Anu Malhotra

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