कनाडा सरकार ने विदेशी छात्रों से फिर से मांगे महत्वपूर्ण दस्तावेज, पंजाब और अन्य राज्यों के छात्र परेशान
punjabkesari.in Tuesday, Dec 17, 2024 - 09:19 AM (IST)
नेशनल डेस्क: कनाडा सरकार ने हाल ही में अपने देश में अध्ययन कर रहे विदेशी छात्रों से कुछ जरूरी दस्तावेज़ फिर से जमा करने का आदेश दिया है। इस आदेश के तहत छात्रों से उनके स्टडी परमिट, वीजा, एजुकेशन रिकॉर्ड, उपस्थिति रिकॉर्ड (अटेंडेंस) और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों की जानकारी फिर से मांगी गई है। कनाडा के इमिग्रेशन, रिफ्यूजी और सिटीजनशिप विभाग (IRCC) द्वारा भेजे गए इन ईमेल्स में छात्रों से कहा गया है कि वे अपनी जानकारी जल्द से जल्द एक निर्धारित ईमेल एड्रेस पर भेजें। साथ ही, कुछ छात्रों को व्यक्तिगत रूप से IRCC ऑफिस में जाकर अपने दस्तावेज़ों की सत्यापन प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश भी दिया गया है। यह आदेश खासतौर पर भारत के पंजाब राज्य सहित अन्य राज्यों के छात्रों को प्राप्त हुआ है, जिसके कारण वे चिंता और परेशानी का सामना कर रहे हैं। यह कदम कनाडा सरकार की ओर से विदेशी छात्रों पर सख्ती बढ़ाने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है, खासकर तब जब कनाडा ने अपनी विदेश नीति और छात्रों के लिए नियमों में बदलाव किए हैं।
विदेशी छात्रों की बढ़ती संख्या पर ध्यान
कनाडा में पिछले कुछ वर्षों में विदेशी छात्रों की संख्या में बेहद तेजी से वृद्धि हुई है, खासकर भारतीय छात्रों की संख्या में। भारत से हर साल लाखों छात्र कनाडा में उच्च शिक्षा के लिए जाते हैं। 2023 में कनाडा में अध्ययन करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या 4 लाख से अधिक हो गई है, जो भारत के लिए एक रिकॉर्ड है। इसके बाद दूसरे स्थान पर अमेरिका है, जहां 3.3 लाख भारतीय छात्र हैं। कनाडा की इस वृद्धि को देखते हुए, सरकार ने विदेशी छात्रों के प्रवेश को नियंत्रित करने के लिए अपने नियमों में कड़े बदलाव किए हैं। इन बदलावों में छात्रों की संख्या पर नियंत्रण, वित्तीय आवश्यकताओं को सख्त करना और यह सुनिश्चित करना कि छात्र सही उद्देश्यों के लिए कनाडा आएं, शामिल हैं।
IRCC के आदेश से छात्रों में चिंता
IRCC द्वारा भेजे गए ईमेल्स ने कई भारतीय छात्रों को घबराहट और तनाव में डाल दिया है। इस ईमेल में छात्रों से उनकी उपस्थिति रिकॉर्ड, स्टडी परमिट, वीजा की वैधता और अन्य जरूरी दस्तावेज़ों की जानकारी पुनः देने के लिए कहा गया है। हैदराबाद के एक छात्र अविनाश कौशिक ने कहा कि उनका वीजा मई 2026 तक वैध है, लेकिन उन्हें फिर से सारे दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने बताया कि ईमेल में अटेंडेंस रिकॉर्ड और पार्ट-टाइम काम करने की जानकारी भी मांगी गई थी। ब्रिटिश कोलंबिया में पढ़ाई कर रही एक और छात्रा मनीषा पटेल ने कहा कि उन्होंने कनाडा को इसके स्वागत योग्य माहौल के कारण चुना था, लेकिन इस नई नीति ने उन्हें बहुत परेशान कर दिया है। उनका मानना है कि यह कदम अनुचित और असंवेदनशील है। कई छात्रों का मानना है कि इस नीति के कारण उनकी पढ़ाई और नौकरी की संभावनाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
कनाडा सरकार के नए कदमों के कारण बढ़ी चिंता
कनाडा सरकार के इस कदम को कई विशेषज्ञ विदेश से आने वाले छात्रों की संख्या को नियंत्रित करने की एक रणनीति के रूप में देख रहे हैं। टोरंटो के इमिग्रेशन कंसल्टेंट मेहबूब राजवानी ने बताया कि यह कदम सरकार की ओर से यह सुनिश्चित करने के लिए है कि कनाडा में केवल वे छात्र पढ़ाई करने आएं, जो वीजा की शर्तों का पालन कर रहे हैं। बहुत से छात्र स्टूडेंट वीजा पर कनाडा आते हैं और बाद में वे अनधिकृत काम करने के लिए अन्य संस्थानों में काम करने लगते हैं। सरकार ने ऐसे छात्रों की पहचान करने की योजना बनाई है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय सीमा के भीतर यदि छात्र इन दस्तावेजों को नहीं जमा करते हैं तो इसका सीधा असर उनके वीजा पर पड़ेगा। उनके वीजा को रद्द किया जा सकता है या फिर भविष्य में कनाडा में रहने और काम करने की उनकी संभावनाओं पर असर पड़ सकता है।
विदेशी छात्रों के लिए सख्त नियम
कनाडा ने हाल के वर्षों में विदेशी छात्रों के लिए अपनी नीतियों को सख्त किया है। पहले जहां छात्रों के लिए नियमों में थोड़ी लचीलापन था, वहीं अब सरकार ने उनके प्रवेश और रहने के मानदंडों को कड़ा कर दिया है। इससे पहले कि कोई छात्र कनाडा में पढ़ाई के लिए आए, उसे यह साबित करना होगा कि उसके पास पर्याप्त वित्तीय साधन हैं और वह वास्तविक उद्देश्य के लिए ही वहां है। इसके अलावा, किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी या नियमों का उल्लंघन करने वाले छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
छात्रों की बढ़ती संख्या और सरकार की नीति
कनाडा में छात्रों की बढ़ती संख्या सरकार के लिए एक चुनौती बन गई है। कनाडा की शिक्षा प्रणाली विश्वस्तरीय है, और यह छात्रों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है। हालांकि, छात्रों की बढ़ती संख्या के साथ ही सरकार को इन छात्रों के लिए सुविधाओं और संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करनी है, साथ ही यह भी सुनिश्चित करना है कि छात्रों का उपयोग केवल अध्ययन के लिए हो, न कि अवैध कामकाजी गतिविधियों के लिए।
क्या करें छात्र?
विशेषज्ञों ने छात्रों को सलाह दी है कि वे अपनी दस्तावेज़ों को समय पर जमा करें, ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो। समय पर दस्तावेज़ न देने से छात्रों का वीजा रद्द हो सकता है या उन्हें भविष्य में कनाडा में प्रवेश करने में कठिनाई हो सकती है। इसलिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि छात्र इस प्रक्रिया को प्राथमिकता दें और निर्धारित समय सीमा के भीतर सभी दस्तावेज़ जमा कर दें।
भारत में बढ़ती चिंता
कनाडा में पढ़ाई के लिए भारतीय छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, और यह बदलाव उनके लिए एक बड़ा झटका है। अधिकांश भारतीय छात्र कनाडा को एक खुले और स्वागत करने वाले देश के रूप में देखते हैं, लेकिन इन नई नीतियों ने उनके मन में अनिश्चितता पैदा कर दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ये नीति जारी रहती है तो भारत से आने वाले छात्रों की संख्या पर इसका असर पड़ सकता है।