AI ऐप ''Death Clock'' से जानिए संभावित मौत का दिन, 1.25 लाख से ज्यादा लोग इसे कर चुके डाउनलोड
punjabkesari.in Monday, Dec 02, 2024 - 10:48 AM (IST)
नेशनल डेस्क: कैलिफोर्निया के वैज्ञानिक ब्रेंट फ्रेंसन ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित ऐप 'डेथ क्लॉक' विकसित किया है, जो इंसान की संभावित मौत के दिन का अनुमान लगाने में मदद करता है। इसका उद्देश्य लोगों को अपनी जीवनशैली सुधारने के लिए प्रेरित करना है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों को कम किया जा सके। यह ऐप जुलाई में लॉन्च हुआ और अब तक 1.25 लाख से ज्यादा लोग इसे डाउनलोड कर चुके हैं। फिटनेस और स्वास्थ्य श्रेणी में यह ऐप शीर्ष स्थान पर है।
कैसे काम करता है 'डेथ क्लॉक'?
इस ऐप का आधार पांच करोड़ प्रतिभागियों और 1,200 से अधिक जीवन प्रत्याशा अध्ययनों का डेटा है। ऐप यूजर्स से उनकी दिनचर्या, स्वास्थ्य और जीवनशैली से जुड़े 25 सवाल पूछता है, जैसे:
क्या वे नियमित रूप से व्यायाम करते हैं?
क्या धूम्रपान करते हैं?
नींद और तनाव का स्तर कैसा है?
आहार में क्या शामिल है?
इन सवालों के जवाबों और डेटा के आधार पर ऐप उनकी संभावित मौत का दिन अनुमानित करता है।
जीवनशैली सुधार के सुझाव
ऐप सिर्फ अनुमान तक सीमित नहीं है, बल्कि यूजर्स को जीवनशैली में सुधार करने के सुझाव भी देता है, जैसे कि बेहतर आहार, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और तनाव प्रबंधन।
आर्थिक स्थिति और जीवन प्रत्याशा का संबंध
'डेथ क्लॉक' के डेटा के अनुसार, आर्थिक स्थिति और जीवन प्रत्याशा के बीच सीधा संबंध है। अमरीकी मेडिकल एसोसिएशन के शोध में पाया गया कि सबसे अमीर और सबसे गरीब वर्ग के बीच जीवन प्रत्याशा में बड़ा अंतर है। अमीर पुरुष गरीब पुरुषों की तुलना में औसतन 15 साल अधिक जीते हैं, जबकि महिलाओं के मामले में यह अंतर 10 साल का है।
तेजी से बढ़ती लोकप्रियता
'द गार्जियन' की रिपोर्ट के अनुसार, यह ऐप लोगों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इसके जरिए लोग न केवल अपनी सेहत के प्रति जागरूक हो रहे हैं, बल्कि अपनी जीवनशैली में सुधार कर अपनी उम्र बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
ऐप के निर्माता ब्रेंट फ्रेंसन का कहना है कि 'डेथ क्लॉक' का उद्देश्य डर पैदा करना नहीं, बल्कि लोगों को समय रहते जागरूक करना है। जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलावों से बड़ा फर्क लाया जा सकता है।