Noida और Gurugram में प्रॉपर्टी खरीदने के बदलेंगे नियम, 'मार्केट में आने वाला है नया संकट, तुरंत अपनी संपत्ति बेच देनी चाहिए'
punjabkesari.in Friday, Sep 26, 2025 - 11:52 AM (IST)

नेशनल डेस्क: अगर आप नोएडा या गुरुग्राम में घर या फ्लैट खरीदने की योजना बना रहे हैं या पहले से वहां प्रॉपर्टी में निवेश कर चुके हैं, तो आपके लिए एक अहम खबर है। उत्तर प्रदेश सरकार रियल एस्टेट नियमों में बड़े बदलाव की तैयारी में है, जिसका सीधा असर प्रॉपर्टी की डिमांड, कीमत और निवेश की रणनीति पर पड़ सकता है। इस बदलाव को लेकर फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स भी सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं।
प्रॉपर्टी बाजार में बदलते नियमों का असर
उत्तर प्रदेश की सरकार नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) के अंतर्गत आने वाले इलाकों के लिए बिल्डिंग बाइलॉज़ में बड़ा बदलाव करने जा रही है। प्रस्तावित नए नियमों के तहत:
ग्राउंड कवरेज लिमिट को हटाया जाएगा, जिससे ज़्यादा एरिया में निर्माण संभव हो सकेगा।
फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) को भी बढ़ाया जाएगा, यानी अब बिल्डिंग्स को और अधिक ऊंचा बनाया जा सकेगा।
सेटबैक दूरी को 3 से 9 मीटर तक एकसमान किया जाएगा।
लैंडस्केपिंग की शर्तों में भी ढील दी गई है — अब केवल 5-10% तक लैंडस्केपिंग की जरूरत होगी।
पार्किंग नियमों को भी सरल किया जाएगा, जिससे डेवलपर्स को प्रोजेक्ट्स में फ्लेक्सिबिलिटी मिलेगी।
सप्लाई बढ़ेगी, कीमतें गिर सकती हैं?
इन नियमों के कारण नोएडा और आसपास के क्षेत्रों में प्रॉपर्टी का निर्माण तेज़ी से बढ़ेगा। ज्यादा ऊंची और बड़ी बिल्डिंग्स बनने से नए फ्लैट्स की सप्लाई बूम पर होगी। इस स्थिति को देखते हुए रियल एस्टेट निवेशक और एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि:
नई सप्लाई बढ़ने से पुराने फ्लैट्स की मांग घट सकती है।
लोग नई, आधुनिक सुविधाओं वाली इमारतों की ओर झुकेंगे।
पुरानी प्रॉपर्टी बेचना मुश्किल हो सकता है और उनकी कीमतें भी प्रभावित हो सकती हैं।
पहले से निवेश किए गए प्रोजेक्ट्स, खासकर जो अब तक पूरे नहीं हुए हैं, उनके लिए मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
फाइनेंस एक्सपर्ट की चेतावनी: “अब बेचने का सही समय”
वित्तीय मामलों के जानकार अक्षत श्रीवास्तव ने इस मुद्दे पर एक वायरल सोशल मीडिया पोस्ट में नोएडा और गुरुग्राम के प्रॉपर्टी निवेशकों को चेतावनी दी है। उनका कहना है कि: "मार्केट में नया संकट आने वाला है। नई इमारतों की बाढ़ से पुरानी प्रॉपर्टी की वैल्यू गिर सकती है। जो निवेशक समय रहते बाहर निकल सकते हैं, उन्हें तुरंत अपनी संपत्ति बेच देनी चाहिए।" अक्षत के मुताबिक, यह 'एक्सिट का सही वक्त है', क्योंकि आने वाले समय में अगर सप्लाई बहुत बढ़ गई तो मांग उतनी नहीं रह पाएगी, जिससे प्रॉपर्टी की रिटर्न घटेगी।
शहरों की तस्वीर बदलेगी, लेकिन जोखिम भी बड़ा
सरकार का इरादा शहरों को तेजी से विकसित करने का है। बताया जा रहा है कि नए नियम गुजरात और सिंगापुर मॉडल पर आधारित हैं, ताकि: कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री को राहत मिले।
निवेशकों का भरोसा बढ़े- अनावश्यक तकनीकी अड़चनों को दूर किया जा सके
हालांकि, इसका दूसरा पहलू ये भी है कि मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर पर दबाव बढ़ेगा - ट्रैफिक, पानी, बिजली जैसी सुविधाएं अभी की स्थिति में ऊंची इमारतों के बोझ को नहीं संभाल पाएंगी।
कुछ इलाकों में ऊंचाई पर रोक जारी रहेगी
हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि एयरपोर्ट्स, हेरिटेज साइट्स या विशेष क्षेत्रों के पास बिल्डिंग की ऊंचाई पर अब भी पाबंदियां लागू रहेंगी। यानी कुछ इलाकों में निर्माण की आज़ादी सीमित रहेगी।