राहुल गांधी के सामने छलका कारोबारी का दर्द, बोला-खत्म हो गए छोटे उद्योग..20 करोड़ लोगों की गई नौकरी

punjabkesari.in Monday, Jan 25, 2021 - 12:43 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने तीन दिन के अपने तमिलनाडु दौरे के दौरान लघु एवं मझोले (MSME) उद्योगों के प्रतिनिधियों को संबोधित किया और उनसे बातचीत भी की। इस दौरान राहुल गांधी ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अगर केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनती है तो माल एवं सेवा कर (GST) को फिर से नया स्वरूप दिया जाएगा। राहुल गांधी ने MSME प्रतिनिधियों को भरोसा दिलाया कि कांग्रेस की सरकार में ‘एक कर, न्यूनतम' के सिद्धांत पर अमल किया जाएगा। वहीं इस दौरान कंसोर्टियम ऑफ इंडियन एसोसिएशंस के प्रवक्ता और सोलकर सोलर इंडस्ट्री के सीएमडी केई रघुनाथन ने राहुल गांधी से बात करते हुए कहा कि जैसे वे दिल्ली से हम लोगों से मिलने आए हैं वैसे ही वो भी चेन्नई से तमिलनाडु उनसे मिलने आया है।

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किसके सामने रोए
रघुनाथ ने बताया कि वे भारतीय संघों के कंसोर्टियम के संयोजक और प्रवक्ता हैं। उन्होंने कहा कि यह 3.5 लाख से अधिक औद्योगिक इकाइयों का प्रतिनिधित्व करता है। रघुनाथन ने राहुल गांधी से कहा कि आज एक स्टार्टअप का सपना चकनाचूर हो गया है। रघुनाथन ने कहा कि हम अपनी आवाज नहीं उठा पा रहे हैं और न ही हम खुद को व्यक्त कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम अपनी तकलीफें किसी के सामने रख भी नहीं सकते क्योंकि एक उद्यमी कभी भी खुलकर नहीं रो सकता है। उद्यमी रघुनाथन का यह वीडियो काफी वायरल हो रहा है जिसमें वे बता रहे हैं कि आज कारोबारी कितनी परेशानी झेल रहे हैं। रघुनाथन राहुल गांधी को बताते हैं कि आज देश में क्या चल रहा है स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, आत्मानिभर भारत और यह सब किसमें जाकर खत्म होते हैं फंड इंडिया यानि कि FDI. रघुनाथन ने कहा कि FDI क्या है विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (Foreign Direct Investment), हम आज दूसरों से पैसा देने को कह रहे हैं।

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बच्चों के देंगे क्या जवाब?
रघुनाथन ने कहा कि एक सर्वे को पढ़कर दुख हुआ कि 7.5 करोड़ लघु उद्यमियों में से लगभग 30% उद्यम आज खत्म हो चुका है। 30% का क्या होगा? ये संख्या 2.1 करोड़ है जो 20 करोड़ लोगों को रोजगार देते थे। हम सिर्फ 60 फीसदी बैलेंस देख रहे हैं और ग्रीन शूट्स बता रहे हैं। हम कैसे तरक्की कर रहे हैं? रघुनाथ ने राहुल गांधी से कहा कि मैं अपने बच्चों को क्या जवाब दूंगा? आप ही सिर्फ हमारी आवाज हैं। इसने भूलना मत। रघुनाथन ने कहा कि उनके जैसे उद्यमियों का बैंकों और NBFC पीछा करते हैं। सुबह अखबार पढ़ने कामन नहीं होता क्योंकि उसमें खबरें होती उस कंपनी की नीलामी, उस कंपनी को नोटिस..आज हम कहां हैं। रघुनाथन ने कहा कि उनका मानना है कि सूक्ष्म उद्योगों का अपना मंत्रालय होना चाहिए।

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इस पर राहुल गांधी ने कहा कि मेरी सोच है कि अगर भविष्य में हम चीन, बांग्लादेश या अन्य देशों के साथ स्पर्धा में आगे निकलना चाहते हैं तो यह MSME के माध्यम से ही हो सकता है। राहुल ने कहा कि लघु एवं मझोले उद्योग देश में रोजगार सृजन की रीढ़ की हड्डी हैं। उन्होंने दावा किया कि देश इस वक्त रोजगार देने असमर्थ है और अर्थव्यवस्था तबाह हो गई है।


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Seema Sharma

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