Insurance Fraud: PolicyBazar पर IRDAI का चला डंडा, ग्राहकों को दे रहा था धोखा... लगाया 5 करोड़ का जुर्माना
punjabkesari.in Thursday, Aug 07, 2025 - 09:12 PM (IST)

नेशनल डेस्क: देश की मशहूर ऑनलाइन बीमा बिक्री कंपनी पॉलिसीबाजार पर बीमा नियामक IRDAI ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। आरोप है कि कंपनी ने बीमा नियमों का उल्लंघन करते हुए ग्राहकों को गुमराह किया, बीमा पॉलिसियों को गलत तरीके से प्रमोट किया और प्रीमियम की राशि को समय पर बीमाकर्ता कंपनियों तक नहीं पहुंचाया। जांच में सामने आया है कि कंपनी ने मुनाफे के लालच में कुछ खास बीमा उत्पादों को “बेस्ट” बताकर बेचा, जबकि इसके पीछे कोई ठोस आधार नहीं था। IRDAI ने इस लापरवाही को गंभीर मानते हुए जुर्माने के साथ कड़ी चेतावनी और निर्देश भी जारी किए हैं। irda ने यह कदम कई गंभीर खामियों और बीमा कानूनों के उल्लंघन को ध्यान में रखते हुए उठाया है।
क्या है मामला?
पॉलिसीबाजार, जो पहले पॉलिसीबाजार वेब एग्रीगेटर प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जानी जाती थी और अब इसका नाम पॉलिसीबाजार इंश्योरेंस ब्रोकर्स प्राइवेट लिमिटेड है, पर इरडा ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं। कंपनी पर आरोप है कि उसने:
-कुछ खास बीमा प्रोडक्ट्स को जानबूझकर “सर्वश्रेष्ठ” बताकर ग्राहकों को गुमराह किया।
-वेबसाइट पर जिन 5 योजनाओं को टॉप रैंकिंग दी गई, वे सभी ULIP (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान्स) थीं।
-इन योजनाओं को सबसे बेहतर साबित करने के लिए कोई पारदर्शी मानक नहीं अपनाया गया और ग्राहकों को उचित सलाह नहीं दी गई।
किन प्रोडक्ट्स को किया गया प्रमोट?
- इरडा की जांच में सामने आया कि कंपनी ने निम्न 5 ULIP पॉलिसियों को “बेस्ट प्रोडक्ट” बताकर प्रमुखता से प्रमोट किया:
- Bajaj Allianz Goal Assure
- Edelweiss Tokio Wealth Gain Plus
- HDFC Click 2 Wealth
- SBI Life e-Wealth Insurance
- ICICI Signature
इन योजनाओं को ऊंची रैंकिंग देना व्यावसायिक लाभ के उद्देश्य से किया गया और इससे ग्राहकों को वास्तविक जानकारी नहीं मिल सकी।
ग्राहकों के पैसों के साथ भी लापरवाही
कंपनी ने बीमा खरीदने वाले ग्राहकों से प्रीमियम की राशि लेकर उसे बीमा कंपनियों को समय पर नहीं भेजा।
67 बीमा पॉलिसियों में तो पैसा 30 दिन से भी अधिक देर से भेजा
एक जांच में पाया गया कि 77,033 पॉलिसियों की राशि को तय समय यानी 3 दिन से अधिक समय तक रोके रखा गया। इसके अलावा 8,971 पॉलिसियों के पैसे 5 से 24 दिन की देरी के साथ बीमा कंपनियों तक पहुंचे। यह नियमों के खिलाफ है, क्योंकि इरडा के अनुसार बीमा प्रीमियम को तीन कार्यदिवस के भीतर बीमा कंपनी को भेजना अनिवार्य है।
अन्य गंभीर आरोप
इरडा ने यह भी कहा कि पॉलिसीबाजार ने अनुमति लिए बिना अन्य कंपनियों में डायरेक्टर्स की भूमिका निभाई, जो बीमा अधिनियम 1938 के खिलाफ है। इसके अलावा, कुछ बीमा उत्पादों को जबरन प्रमोट किया गया ताकि बिक्री बढ़ाई जा सके, जो ग्राहक हितों के खिलाफ है।