बुराड़ी केस: पिता के मरते ही लौट आई थी ललित की आवाज, सामने आया रजिस्टर का पहला पन्ना
punjabkesari.in Wednesday, Jul 04, 2018 - 10:34 AM (IST)

नई दिल्ली (शाहरूख खान): दस साल पहले एक घटना के दौरान ललित भाटिया की आवाज चली गई थी। डॉक्टर ने आवाज जाने का कारण गर्दन की नसों का कमजोर पड़ जाना बताया था। एक तरफ वह अपना इलाज करवाते रहे थे तो दूसरी ओर तंत्रमंत्र का सहारा भी ललित ने ले लिया था, ताकि आवाज वापस आ जाए। आवाज को गए करीब 6 महीने हो गए थे, लेकिन कुछ सुधार नहीं हुआ था। इसके बाद ललित के पिता गोपाल दास की मौत हो गई। पिता की तेरही होने के बाद अचानक से ललित की आवाज वापस आ गई। लेकिन, ललित पिता की टोन में बात करने लगे थे। यह सब भाटिया परिवार के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था। इसके बाद ललित का झुकाव तंत्रमंत्र की ओर ज्यादा हो गया।
ललित को अपने पापा सपने में दिखने लगे थे। वह उनसे बात भी करता था और सही रास्ते में चलने के लिए मार्गदर्शन भी लेता था। सपने में उनसे की जाने वाली बातों को उसने रजिस्टर में लिखना शुरू कर दिया था। घर से मिले रजिस्टरों में लिखी बातें, उसी अंदाज में घटनास्थल पर दिखे हालात और पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ने जो शुरुआती जानकारी दी, उससे सबकी मौत के पीछे की वजह फंदे से लटककर निकली। इन सब स्थितियों के कारण पुलिस की जांच में यह बात तो पूरी तरह से साफ हो गई है कि ललित और उसका परिवार पूरी तरह से तंत्रमंत्र के चक्कर में ही मारा गया, बस कडिय़ां जोड़ी जा रही हैं।
लूट का विरोध करने में गई थी आवाज
पहले कहा जा रहा था कि ललित मौन व्रत रखता था। लेकिन, क्राइम ब्रांच को रिश्तेदारों से पूछताछ में पता चला कि करीब 10 साल पहले वह शाहदरा से काम करके लौट रहा था। इसी दौरान लूटने की नीयत से बदमाशों ने उसे घेर लिया। ललित ने विरोध किया तो बदमाशों ने उसकी गर्दन दबा दी। जिससे उसकी आवाज चली गई थी। ज्वाइंट सीपी आलोक कुमार ने बताया कि ललित पहले शाहदरा में एक प्लाईवुड की दुकान पर काम करता था। इसी दौरान उसके साथ लूट की घटना हुई थी।
मरना नहीं चाहता था भाटिया परिवार
बुराड़ी कांड में पहले दिन पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर लिया था। इसके बाद घर से मिले रजिस्टर के आधार पर सामूहिक आत्महत्या की तरह मामले को देखा जाने लगा। जांच आगे बढऩे पर पुलिस ने तंंत्रतंत्र पर फोकस किया और आशंका जताते हुए उस तांत्रिक बाबा की तलाश शुरू की जिसके प्रभाव में ललित आ गया होगा। अब मामले की जांच से जुड़े क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी का कहना है कि रजिस्टर में लिखी गई बातों में कहीं पर भी तांत्रिक बाबा या फिर तंत्रमंत्र का जिक्र नहीं है। अभी तक की जांच में पुलिस ने दावा किया है कि यह परिवार मरना चाहता ही नहीं था।