1000 पुलिसवालों संग 8 SDM और 1 KM तक बैरिकेडिंग... 110 दुकानों पर चला बुलडोजर
punjabkesari.in Sunday, Feb 09, 2025 - 01:56 PM (IST)
नेशनल डेस्क: भोपाल के सुभाष नगर मार्केट में अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन ने रविवार, 9 फरवरी से बुलडोजर की कार्रवाई शुरू कर दी है। भारी सुरक्षा बल की मौजूदगी में करीब 110 दुकानों को ध्वस्त किया जा रहा है। इस कार्रवाई के पीछे शहर में ट्रैफिक की समस्या को कम करने के लिए बनाई जा रही तीसरी लेन का निर्माण है। इस निर्माण कार्य के लिए दुकानदारों को 8 फरवरी तक अपना सामान हटाने का वक्त दिया गया था, और समय सीमा के बाद प्रशासन ने सख्ती से कार्रवाई शुरू की।
कड़ी सुरक्षा के बीच कार्रवाई
सुभाष नगर मार्केट में अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस प्रशासन ने 1000 पुलिसकर्मी, 8 एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की कई टीमें तैनात की हैं। इसके अलावा, पूरे इलाके को करीब 1 किलोमीटर तक बैरिकेड करके बंद किया गया है। मीडिया को भी घटनास्थल पर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। इस कड़ी सुरक्षा के बीच दुकानों को तोड़ा जा रहा है। प्रशासन का कहना है कि यह कदम शहर की ट्रैफिक समस्या को सुलझाने और लोगों की आवाजाही को बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है।
ब्रिज निर्माण के लिए उठाया गया कदम
प्रशासन ने बताया कि सुभाष नगर मार्केट में एक नया ब्रिज बनाने का काम किया जा रहा है, जो तीन लेन का होगा। इस परियोजना का उद्देश्य ट्रैफिक की समस्या को कम करना और स्थानीय लोगों को बिना रुकावट के आवाजाही की सुविधा प्रदान करना है। प्रशासन ने दुकानदारों को पहले ही नोटिस दे दिया था कि वे अपनी दुकानों से सामान हटा लें। लेकिन, तय समय सीमा तक जब सामान नहीं हटाया गया, तब प्रशासन ने बुलडोजर की कार्रवाई शुरू की।
बुलडोजर कार्रवाई से प्रभावित लोग
इसी बीच, 'फ्रंटलाइन' मैगजीन द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट ने इस प्रकार की कार्रवाई से प्रभावित लोगों की संख्या को लेकर एक चौंकाने वाला आंकड़ा सामने रखा है। हाउसिंग एंड लैंड राइट्स नेटवर्क (HLRN) के मुताबिक, 2017 से 2023 तक, देशभर में ऐसी कार्रवाइयों से कम से कम 16 लाख 80 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, यह कार्रवाई मुख्यत: झुग्गियों को हटाने, लैंड क्लीयरेंस, अतिक्रमण हटाने और विकास योजनाओं के तहत की गई है।
क्या होंगे परिणाम?
प्रशासन का कहना है कि ब्रिज का निर्माण पूरा होने के बाद ट्रैफिक समस्या में काफी सुधार होगा। हालांकि, दुकानदारों के लिए यह कार्रवाई चुनौतीपूर्ण हो सकती है क्योंकि उन्हें अपनी दुकानों से सामान हटाने और व्यापार को फिर से शुरू करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके बावजूद, प्रशासन का तर्क है कि यह कदम शहर के समग्र विकास और लोगों की सुविधा के लिए जरूरी है।