Budget 2023: आखिर 1 फरवरी को क्यों पेश किया जाता है बजट?, मोदी सरकार में बदली परंपरा
punjabkesari.in Wednesday, Feb 01, 2023 - 10:59 AM (IST)

नेशनल डेस्क: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश करने के लिए बीते दो वर्षों की तरह, बुधवार को बही-खाते के समान पारंपरिक लाल रंग के बैग में टैबलेट लेकर संसद भवन पहुंचीं। सीतारमण ने अधिकारियों के अपने दल के साथ वित्त मंत्रालय के बाहर परंपरागत अंदाज में तस्वीरें खिंचवाईं। हालांकि, उनके हाथ में लाल रंग के बैग में टैबलेट था। डिजिटल स्वरूप वाले बजट को अपने भीतर समेटे हुए इस लाल कपड़े के ऊपर सुनहरे रंग का राष्ट्रीय प्रतीक-चिह्न अशोक स्तंभ भी अंकित था।
1 फरवरी को बजट क्यों?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आजाद भारत में लगातार पांच बजट पेश करने वालीं पांचवीं मंत्री हैं। उनके अलावा लगातार पांच बजट और बजट भाषण देने वाले नेताओं में अरुण जेटली, पी. चिदंबरम यशवंत सिन्हा, मनमोहन सिंह और मोरारजी देसाई हैं। मोदी सरकार के 2014 में सत्ता में आने के बाद से बजट पेश करने की तारीख को 28 फरवरी से बदलकर एक फरवरी कर दिया गया था। इसे अब हर साल एक फरवरी को सुबह 11 बजे संसद में पेश किया जाता है।
वहीं मोदी सरकार ने रेल बजट को आम बजट का हिस्सा बना दिया गया, जबकि 1924 देश में रेल बजट हमेशा अलग से और आम बजट से एक दिन पहले पेश होता था। दरअसल बजट को फरवरी के आखिर में पेश करने से बजट के प्रावधानों को नए वित्त वर्ष 1 अप्रैल से लागू करना मुश्किल होता था. इसी समस्या से निजात पाने के लिए सरकार ने बजट को पेश करने की तारीख 1 फरवरी कर दी। अब नया वित्त वर्ष शुरू होने से पहले सरकार बजट से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं को पूरा कर लेती है, जिससे बजट के प्रावधान सही तरह से लागू हो पाते हैं। पहले इन प्रक्रियाओं और मांगों को पूरा होने में मई-जून तक का समय खिंच जाता था।
बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान 2001 में बजट पेश करने का समय भी बदला गया था। अंग्रेजों के जमाने से बजट शाम 5 बजे पेश होता था लेकिन उस साल वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने बजट सुबह 11 बजे पेश किया और तब से ये परंपरा लगातार चल रही है।
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