पहली बार रक्षा बजट 3,00,000 करोड़ के पार

punjabkesari.in Saturday, Feb 02, 2019 - 08:51 AM (IST)

नई दिल्ली: आम चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के 2019-20 के अंतरिम बजट में कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने रक्षा क्षेत्र के लिए खजाना खोल दिया है। उन्होंने ऐलान किया कि इस बार का रक्षा बजट का आबंटन गत वर्ष से 7.93 प्रतिशत ज्यादा यानी कि 3,18,931.22 करोड़ रुपए होगा। उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो इस राशि को और बढ़ाया जाएगा। रक्षा बजट में पहली बार इतनी बड़ी धन राशि दी गई है। वहीं हाई रिस्क में ड्यूटी कर देश की रक्षा करने वाले जवानों के साहस को सलाम करते हुए उनके भत्ते में भी इजाफा किया गया है।

पिछली बार रक्षा बजट 20 हजार करोड़ रुपए बढ़ा था
पाकिस्तान और चीन के साथ तनावपूर्ण संबंधों के चलते इस अंतरिम बजट में इजाफे की उम्मीद की जा रही थी जिसे सरकार ने पूरा भी किया। हालांकि पिछले वर्षों में रक्षा बजट में की गई वृद्धि से इस साल के इजाफे से कहीं ज्यादा रही है। वर्ष 2018-19 में रक्षा क्षेत्र के लिए 2 लाख 95 हजार 511 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। यह राशि केन्द्र सरकार के कुल खर्च का 12.10 फीसदी थी। इसमें से 1 लाख 95 हजार 947 करोड़ रुपए नैट एक्सपैंडिचर और 99,536 करोड़ रुपए पूंजीगत व्यय के लिए निर्धारित किए गए थे। यानी इस बार बजट में 5000 करोड़ की वृद्धि हुई है जबकि पिछली बार रक्षा बजट 20 हजार करोड़ रुपए बढ़ा था।  इससे पहले वर्ष 2017-18 में रक्षा क्षेत्र के लिए 2 लाख 79 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। गोयल ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने भूतपूर्व सैनिकों की वन रैंक, वन पैंशन के लिए 2014-15 के अंतरिम बजट में मात्र 500 करोड़ रुपए मंजूर किए थे जबकि उनकी सरकार इस मद में अब तक 35 हजार करोड़ रुपए भूतपूर्व सैनिकों को दे चुकी है। 

बजट भाषण दौरान ‘उरी’ की हुई तारीफ
नई दिल्ली : विक्की कौशल स्टारर फिल्म ‘उरी’ हर जगह छाई हुई है। इतना ही नहीं शुक्रवार को कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने भी बजट भाषण दौरान फिल्म की तारीफ की। पीयूष गोयल के अंतरिम बजट भाषण में जब उरी का जिक्र हुआ तो संसद भवन ‘हाऊ इज द जोश’ के नारों से गूंज उठा। पीयूष गोयल ने कहा, ‘‘मनोरंजन जगत से कई लोगों को रोजगार मिलता है और हम सभी फिल्में देखते हैं। उन्होंने कहा, ‘पायरेसी पर रोक लगाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं।’’

2030 तक मिट जाएगी गरीबी, गंदगी, कुपोषण
 पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार 2030 तक गरीबी, कुपोषण, गंदगी और निरक्षरता को मिटा देगी। उन्होंने कहा कि भारत एक आधुनिक, प्रौद्योगिक से संचालित, उच्च विकास के साथ एक समान और पारदर्शी समाज होगा। भारत अगले 5 वर्षों में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था होने की ओर अग्रसर है और इसके पश्चात यह 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था होगी।

मोदी सरकार की 10 परिकल्पनाएं

  •  इस परिकल्पना के प्रथम आयाम के अंतर्गत 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और सहज-सुखद जीवन के लिए भौतिक तथा सामाजिक अवसंरचना का निर्माण करना है।
  • परिकल्पना के दूसरे आयाम के अंतर्गत एक ऐसे डिजिटल भारत का निर्माण करना है जहां हमारा युवा वर्ग डिजिटल भारत के सृजन में व्यापक स्तर पर स्टार्ट-अप और इको-सिस्टम में लाखों रोजगारों का सृजन करते हुए इसका नेतृत्व करेगा।
  • भारत को प्रदूषण मुक्त राष्ट्र बनाने के लिए इलैक्ट्रिकल वाहनों और नवीकरण ऊर्जा पर विशेष ध्यान देना।
  •  आधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके ग्रामीण औद्योगीकीकरण विस्तार के माध्यम से बड़े पैमाने पर रोजगारों का सृजन करना।
  • सभी भारतीयों के लिए सुरक्षित पेयजल के साथ स्वच्छ नदियां और लघु सिंचाई तकनीकों को अपनाने के माध्यम से सिंचाई में जल का कुशल उपयोग करना।
  • सागरमाला कार्यक्रम के प्रयासों में तेजी लाने के साथ भारत के तटीय और समुद्री मार्गों के माध्यम से देश के विकास को सशक्त बनाना।
  •  हमारा अंतरिक्ष कार्यक्रम-गगनयान दुनिया के उपग्रहों को छोडऩे का ‘लांच पैड’ बन चुका है और 2022 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजना इस आयाम को दर्शाता है।
  • सर्वाधिक जैविक तरीके से खाद्यान्न उत्पादन और खाद्यान्न निर्यात में भारत को आत्मनिर्भर बनाना और विश्व की खाद्यान्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए खाद्यान्नों का निर्यात करना।
  • 2030 तक स्वस्थ भारत और एक बेहतर स्वास्थ्य देखभाल एवं व्यापक आरोग्यकर प्रणाली के साथ-साथ आयुष्मान भारत और महिला सहभागिता भी इसका एक महत्वपूर्ण घटक होगा।
  • भारत को न्यूनतम सरकार, अधिकतम अभिशासन वाले एक ऐसे राष्ट्र का रूप देना जहां एक चुनी हुई सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले सहकर्मियों और अधिकारियों के अभिशासन को मूर्त रूप दिया जा सकता है।

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Anil dev

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