चमोली जलसैलाब में बहा सरहद से सेना को जोड़ने वाला पुल,  ब्रिज बनाने में माहिर ITBP जवान रवाना

punjabkesari.in Sunday, Feb 07, 2021 - 04:01 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तराखंड के चमोली जिले में आज ग्लेशियर टूटने से बड़ी तबाही मची है। पानी के तेज बहाव में मलारी को जोड़ने वाला पुल बह गया है। ये पुल सरहद से सेना को जोड़ने का काम करता है। राहत-बचाव के लिए आईटीबीपी के रीजनल रिस्पांस सेंटर, गोचर से एक बड़ी टीम भेजी गई है। आईटीबीपी की पर्वतारोही टीम के साथ ब्रिज बनाने में माहिर जवान भी भेजे गए हैं। इससे पहले आईटीबीपी के करीब 200 जवान जोशी मठ भेजे गए थे। 

वहीं, गृह मंत्रालय भी पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है। उत्तराखंड सरकार ने जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग को आपदा से निपटने के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार की ओर से हेल्पलाइन नंबर 1070 या 9557444486 भी री किए हैं। साथ ही यहां के लोगों से अफवाहों पर ध्यान ने देने की अपील की है। सरकार हर संभव कदम उठा रही है। एसडीआरएफ और लोकल प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है।

ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से क्षतिग्रस्त
बता दें कि तपोवन इलाके में एक ग्लेशियर के टूटने से ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। अलकनंदा नदी के किनारे बसे गावों के लोगों से जल्द ही सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। अचानक नदी में पानी आने से अलकनंदा के निचले क्षेत्रों में भी बाढ़ की आशंका है। तटीय स्थानों में रहने वाले लोगों को अलर्ट कर दिया गया है। एहतियातन तौर पर  भागीरथी नदी का फ्लो रोक दिया गया है। अलकनंदा का पानी का बहाव रोका जा सके, इसलिए श्रीनगर डैम और ऋषिकेष डैम को खाली करा दिया गया है। नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य हो गया है। नदी का जलस्तर सामान्य से अब 1 मीटर ऊपर है, लेकिन बहाव कम होता जा रहा है।

यूपी में हाई अलर्ट
उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से उत्पन्न हुई परिस्थितियों के मद्देनज़र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को उत्तर प्रदेश के संबंधित विभागों और अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया। यूपी के बिजनौर, कन्नौज फतेहगढ़,  प्रयागराज, कानपुर, मिर्ज़ापुर, गढ़मुक्तेश्वर, गाजीपुर, वाराणसी में हाई अर्लट जारी किया गया है। राज्‍य के अपर मुख्‍य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने कहा कि गंगा नदी के किनारे पड़ने वाले सभी जिलों में जल स्‍तर संबंधी सतर्कता की 24 घंटे निगरानी किए जाने की आवश्‍यकता है।


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Content Editor

rajesh kumar

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