ट्रेड पर ब्रेक! भारत ने पड़ोसी देश से कपड़ों के इंपोर्ट पर लगाया बैन, सीमा पर फंसे करोड़ों के ट्रक
punjabkesari.in Monday, May 19, 2025 - 02:38 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत ने अब पड़ोसी देश से इंपोर्ट पर लगाया बैन लगाया है। भारत के इस बैन से सीमा पर 5 करोड़ के रेडीमेट कपड़े फंस गए। दोनों देशों की सीमा पर इस वक्त 36 ट्रक ‘नो मैन्स लैंड’ में खड़े हैं। भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने ज़मीन के रास्ते इन कपड़ों की एंट्री पर तत्काल रोक लगा दी है। इससे सैकड़ों ट्रक पश्चिम बंगाल की पेट्रापोल सीमा पर फंसे हुए हैं।
ट्रकों की संख्या में भारी गिरावट-
आंकड़ों के अनुसार, पहले रोजाना लगभग 218 ट्रक बांग्लादेश से भारत में दाखिल होते थे। पाबंदी के बाद यह संख्या घटकर रविवार शाम तक केवल 140 रह गई है, क्योंकि कपड़े से लदे ट्रक सीमा पार नहीं कर पा रहे हैं।
पहले भी लगा था झटका-
यह बांग्लादेशी कपड़ा उद्योग के लिए दूसरा बड़ा झटका है। इससे पहले अप्रैल में भारत ने बांग्लादेश के रास्ते किसी तीसरे देश को कपड़े भेजने पर भी रोक लगाई थी। भारत में बिकने वाले बांग्लादेशी रेडीमेड कपड़े देश के कुल बाजार का महज 0.5% हिस्सा हैं, फिर भी इन फैसलों से बांग्लादेशी कारोबारियों को बड़ा नुकसान हो रहा है।
बंगाल बना व्यापार का गेटवे, अब संकट-
Textile Committee of the Indian Chamber of Commerce के चेयरमैन संजय जैन के अनुसार बांग्लादेश से आने वाले 93% कपड़ों की सप्लाई ज़मीनी मार्ग से होती है। इसमें 80% पश्चिम बंगाल के रास्ते ही भारत पहुंचते थे। अब यह महत्वपूर्ण रास्ता बंद होने से बांग्लादेशी व्यापारियों के सामने अस्तित्व का संकट पैदा हो गया है।
समुद्री और हवाई मार्ग की मुश्किलें-
भारत ने समुद्र के रास्ते व्यापार की अनुमति दी है। यह सुविधा केवल कोलकाता और मुंबई के न्हावा शेवा पोर्ट तक सीमित है। व्यापारियों का कहना है कि यह मार्ग अत्यधिक समय लेने वाला है और माल के स्टॉक को प्रबंधित करना मुश्किल होगा। हवाई मार्ग एक विकल्प ज़रूर है, लेकिन इससे लागत में काफी वृद्धि हो जाएगी।
कोलकाता एयरपोर्ट का व्यापार भी ठप-
अप्रैल से पहले लगभग 8,000 से 9,000 टन कपड़े हर महीने कोलकाता एयरपोर्ट के माध्यम से विदेशों में भेजे जाते थे। ढाका से कोलकाता सड़क मार्ग और फिर एयर कार्गो के जरिए माल भेजना सस्ता पड़ता था। लेकिन अब यह मार्ग भी बंद कर दिया गया है।
बड़े ब्रांडों को नुकसान और रिश्तों में दरार का डर-
नाइकी, ज़ारा, एच एंड एम जैसे कई अंतरराष्ट्रीय ब्रांड बांग्लादेश में अपने कपड़े बनवाते हैं, क्योंकि वहां श्रम लागत कम है। कपड़ों की लागत बढ़ने पर ये ब्रांड वियतनाम, श्रीलंका या चीन जैसे अन्य देशों का रुख कर सकते हैं। एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट विशेषज्ञ जयदीप रहा का मानना है कि इस तरह के प्रतिबंधों से भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापारिक संबंध खराब हो सकते हैं और निवेशकों का विश्वास भी कमजोर पड़ सकता है।