दिमाग खाने वाला अमीबा: केरल में बच्ची की मौत के बाद बढ़ी चिंता, जानिए बचाव के उपाय
punjabkesari.in Monday, Aug 18, 2025 - 08:48 PM (IST)

नेशनल डेस्कः केरल से एक चौंकाने वाली और चिंताजनक ख़बर सामने आई है, जहां एक बच्ची की मौत 'ब्रेन ईटिंग अमीबा' यानी Naegleria fowleri संक्रमण से हो गई। यह मामला न सिर्फ स्थानीय लोगों में दहशत का कारण बना है, बल्कि पूरे देश में इसे लेकर चिंता बढ़ गई है। यह अमीबा गंदे और गर्म पानी में पनपता है, और नाक के जरिए शरीर में प्रवेश कर सीधे दिमाग पर हमला करता है। विशेषज्ञ इसे बेहद दुर्लभ लेकिन जानलेवा संक्रमण मानते हैं।
संक्रमण कैसे होता है?
Naegleria fowleri से संक्रमण तब होता है जब संक्रमित पानी नाक के ज़रिए शरीर में प्रवेश करता है। यह स्थिति खासतौर पर तब देखी जाती है जब लोग गंदे तालाब, झील या बिना क्लोरीन वाले स्वीमिंग पूल में तैरते हैं या नहाते हैं। पानी के माध्यम से अमीबा नाक की नसों के ज़रिए ब्रेन तक पहुंचता है और वहां जाकर मस्तिष्क की कोशिकाओं को तेजी से नष्ट करने लगता है।
क्या होते हैं शुरुआती लक्षण?
इस संक्रमण के शुरुआती लक्षण आम वायरल बुखार जैसे ही लगते हैं, जिस कारण मरीज और परिजन इसे अक्सर हल्के में ले लेते हैं। लेकिन कुछ ही दिनों में स्थिति गंभीर हो जाती है। आम लक्षणों में शामिल हैं:-
- तेज सिरदर्द
- बुखार
- उल्टी
- गर्दन में अकड़न
- दौरे पड़ना
- बेहोशी
क्या है इलाज?
Naegleria fowleri से होने वाली बीमारी PAM का इलाज फिलहाल बेहद कठिन है। यह संक्रमण बहुत तेज़ी से फैलता है और ज़्यादातर दवाएं मस्तिष्क में मौजूद अमीबा तक प्रभावी तरीके से नहीं पहुंच पातीं। इसी वजह से इससे संक्रमित अधिकांश मामलों में मृत्यु हो जाती है। इलाज में समय ही सबसे बड़ा कारक है और अक्सर यह समय बहुत कम होता है।
कैसे करें बचाव?
- नदियों, तालाबों, झीलों या किसी भी गंदे पानी के स्रोत में नहाते या तैरते समय सावधानी बरतें
- नाक में पानी न जाने दें
- केवल स्वच्छ और क्लोरीन युक्त स्वीमिंग पूल का इस्तेमाल करें
- गंदे या बिना क्लोरीन वाले पूल से बचें
- नाक में पानी चले जाने पर तुरंत साफ पानी से धोएं
- व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें और साफ पानी का उपयोग करें