साल 2017 में ISIS के चंगुल से छुड़ाया गया युवक आतंकी मॉड्यूल में शामिल
punjabkesari.in Sunday, Oct 17, 2021 - 05:21 PM (IST)
नेशनल डेस्क: तुर्की से 2017 में ISIS के चंगुल से मुक्त कराए जाने के बाद एक युवक को जम्मू-कश्मीर में एक आतंकी मॉड्यूल में शामिल पाया गया, जो देश की संप्रभुता के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह को बढ़ावा दे रहा है। खानयार इलाका निवासी अफशान परवेज उस वक्त 21 साल का था जब उसे अंकारा से मुक्त कराया गया था। दरअसल, उसके माता-पिता ने दावा किया था कि आतंकी संगठन में शामिल होने के लिए कुछ लोगों ने उसे गुमराह किया। जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक युवा अधिकारी उसे भारत वापस ले कर आए थे।
अधिकारियों के मुताबिक अंकारा से लौटने पर कुछ समय तक निष्क्रिय रहने के पश्चात परवेज फिर से सक्रिय हो गया, लेकिन एक अलग तरीके से क्योंकि वह अपने प्रतिबंधित आतंकी संगठन के कहने पर अपने एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए असंदिग्ध लोगों के मोबाइल फोन का उपयोग एक अलग तरीके से कर रहा था। परवेज अब 25 साल का हो चुका है।
परवेज पर संदेह उस वक्त बढ़ गया, जब पिछले साल कश्मीर में अहमद नगर के एक आतंकी मामले की जांच कर रही खुफिया एजेंसियों ने ‘वॉइस ऑफ हिंद' वेब पत्रिका में आवाज का एक नमूना और लिखित सामग्री पाई, जो ISIS के दुष्प्रचार का समर्थन कर रही थी। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने राज्य और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा मुहैया कराई गई खुफिया जानकारी के आधार पर कार्रवाई करते हुए इस महीने की शुरूआत में अन्य दो लोगों के साथ परवेज को गिरफ्तार कर लिया।
अधिकारियों ने कहा कि कुछ छद्म पहचान ऑनलाइन पाई गई और इनमें से एक पर नजर रखने पर पता चला कि परवेज, उस वक्त कथित तौर पर कश्मीर में ISIS का एक कट्टर सदस्य बन गया था और उसे साइबर अभियान के जरिए आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए धन जुटाने के अलावा देश में युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की जिम्मेदारी दी गई थी। अधिकारियों के मुताबिक, परवेज अफगानिस्तान में आईएसआईएस सदस्यों के संपर्क मे था, जहां से उसे प्रतिबंधित आतंकी संगठन के एजेंडा को देश में आगे बढ़ाने के लिए निर्देश मिल रहा था। अधिकारियों ने बताया कि परवेज 2017 में अपने पिता के साथ कहासुनी होने के बाद घर छोड़ कर अचानक चला गया था। उसके पिता चाहते थे कि वह कॉलेज में दाखिला ले, जबकि वह धार्मिक अध्ययन में रूचि रखता था।