सावधान: हर बोतलबंद पानी नहीं होता सवच्छ

punjabkesari.in Wednesday, Jan 24, 2018 - 11:07 AM (IST)

नई दिल्ली: आप बोतलबंद पानी को स्वच्छ और सेहत के लिए फायदेमंद समझकर खरीद रहे हैं तो सावधान हो जाइए! बाजार में बिकने वाला हर बोतलबंद पानी या ‘मिनरल वाटर’ सौ प्रतिशत स्वच्छ नहीं है। पिछले एक साल में बोतलबंद पानी के एक-तिहाई से अधिक नमूने तय मानक पर फेल हो गए। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2016-17 के दौरान देश भर में बोतलबंद पानी के 743 नमूनों में से 224 स्वच्छ पानी के तय मानकों पर खरे नहीं उतरे। इस पर उपभोक्ता मंत्रालय ने राज्यों की मदद से 48 आपराधिक समेत कुल 131 मामले दर्ज करवाए। कई कंपनियों पर 7 लाख रुपए से अधिक जुर्माना भी वसूल किया गया।


नियमों का जिम्मा राज्यों के पास
उपभोक्ता मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम और उसके तहत नियमों को लागू करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है। ऐसे मामलों में राज्य और केंद्र शासित सरकारें क्षेत्रों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों को यह परामर्श जारी करती हैं कि वे शिकायतों की जांच कर कार्रवाई करें।

जांच का जिम्मा
 बोतलबंद पानी बेचने वाली कंपनियों के उत्पाद 
भारतीय मानक ब्यूरो (बी.आई.एस.) के अनिवार्य 
प्रमाणन के तहत भी आते हैं। ऐसे में बी.आई.एस. भी पानी की जांच करता रहता है।

10 कंपनियों पर कार्रवाई
उपभोक्ता मंत्रालय के मुताबिक वर्ष 2017-18 के दौरान बी.आई.एस. ने पानी बेचने वाली 25 कंपनियों पर छापा मारकर सैंपल जमा किए। इनमें बड़ी संख्या में सैंपल फेल हो गए। अदालत ने अभी तक 11 मामलों में फैसला दिया है। इनमें से 10 में पानी पैक करने वाली कंपनियों पर कार्रवाई की गई है।

40 से अधिक मानक तय
भारतीय मानक ब्यूरो ने पीने योग्य स्वच्छ पानी के लिए करीब 40 मानक तय किए हैं। कई बोतलबंद पानी में क्लोरीन और बीमारियों को न्यौता देने वाली ब्रोमेट की मात्रा अधिक पाई गई। कई में अधिक पी.एच. और खनिज पाए गए। इनसे शरीर में कई तरह की परेशानियां पैदा होती हैं।

मंत्रालय के आंकड़ों पर एक नजर
वर्ष          सैंपल लिए    सैंपल फेल
2016-17    743              224 
2015-16    745              345 
2014-15    806              226 

साल-दर-साल मुकद्दमे 
वर्ष            मुकद्दमे         दोषसिद्ध
2016-17    131              33 
2015-16    176              39 
2014-15    130               ..


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