मीना कुमारी: वो हीरोइन जिसने अपने किरदार से दर्द को असल में जिया

punjabkesari.in Thursday, Aug 01, 2019 - 12:53 PM (IST)

नेशनल डेस्क: आज बॉलीवुड की सबसे महान अदाकारा में से एक मीना कुमारी का जन्मदिन है। ट्रेजडी क्वीन के नाम से मशहूर मीना का असल नाम महजबीं बानो था। मीना कुमारी को ट्रेजडी क्वीन का खिताब तो काफी बाद में मिला। लेकिन ट्रेजडी उनके साथ बचपन से ही जुड़ी रही। 1  अगस्त 1933 में जन्मी मीना को पैदा होती ही उन्हे अपने पिता की बेरूखी देखने को मिली। बाद में घर के हालातों के कारण 6 साल की उम्र से ही उन्होने फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया। जब उनकी मुलाकात कमाल अमरोही से हुई तो उन्हे लगा कि उन्हे उनकी जिदंगी की सब खुशियां मिल गई है और 19 साल की उम्र में उन्होने अपने से करीब 15 साल बड़े कमाल अमरोही से परिवार के खिलाफ जाकर शादी कर ली। दोनों की नजदीकियों में बहुत बड़ा हाथ शायरियों का था, तो मीना को लगा की अब आगे जिंदगी भी शायराना ही गुजर जाएगी। लेकिन, प्यार की बुनियाद शायद कुछ कमजोर पड़ गई और जल्द ही इस रिश्ते में दरार पड़ने लगी।

PunjabKesari

विनोद मेहता द्वारा लिखी गई उनकी बॉयोग्राफी ‘Meena Kumari, The Classic Biography’ में साफ-साफ नजर आता है कि मीना और कमाल एक दूसरे को बहुत चाहते थे लेकिन दोनों के ख्याल और सोच उनको एक दूसरे से दूर ले जा रहे थे। हालांकि निजी जिंदगी में लगातार हो रहे उतार-चढ़ाव के बावजूद मीना का करियर आसमान की बुलंदियों को छू रहा था। उनकी फिल्में परिणिता, दिल अपना प्रीत पराई, कोहिनूर बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हो रही थी। और ये बात कहीं ना कहीं कमाल अमरोही के अहम को ठेस पहुंचा रही थी। जिसके बाद कमाल ने उनके काम पर कई तरह की शर्ते और पाबंदियां लगानी शुरू कर दी।

PunjabKesari

उन्होने मीना को शूटिंग के बाद किसी भी हाल में 6.30 बजे तक घर आने का फरमान सुना दिया। मैकअपमैन के अलावा किसी और पुरूष से भी बात करने पर बैन लगा दिया। और अगर मीना को घर आने में देर होती और कमाल को पता चलता कि उन्होने किसी और मर्द से बातचीत की है तो दोनों में बहुत झगड़ा होता। दोनों के रिश्ते इतने खराब हो चुके थेकि अब उनका साथ रहना मुमकिन नहीं था।

PunjabKesari

इसी दौरान मीना को गुरू दत्त की सबसे महत्वाकांछी फिल्म साहेब बीवी और गुलाम में छोटी बहु का किरदार मिला। वो किरदार जो देखते ही देखते उनकी जिंदगी का हिस्सा बन गया। फिल्म की शूटिंग के दौरान मीना अपने किरदार छोटी बहु से खुद को जोड़ने लगी थी। उसके दर्द को अपना समझने लगी थी। वो एपनी डायरी में लिखती कि अब उनसे छोटी बहू का दर्द बर्दाश्त नहीं होता। अगर आपने साहेब बीवी और गुलाम देखी होगी तो आप जानते होंगे कि छोटी बहु किस कदर अपने पति अपने पास रोकने की कोशिश करती है और इसके लिए वो उसके कहने पर शराब तक पीने लगती है। छोटी बहु का ये दर्द मीना को बहुत तकलीफ दे रहा था। उनकी नींद आनी बंद हो गई, वो बेहद परेशान हो गई। जिसके बाद उनके डॉक्टर ने नींद की गोलियों की जगह उन्हें  रोज ब्रैंडी का एक छोटा सा एक पैग लेने का सुझाव दिया। ये सुझाव धीरे-धीरे उनकी लत बन गया और वो शराब की आदी हो गई।

PunjabKesari

इधर कमाल ‘पाकीजा’ फिल्म बनाते रहे। दोनों के रिश्ते की ही तरह एक प्यार के पौधे की तरह पनपनी पाकिजा भी अब उनके रिश्ते की तरह ही अधर में लटकी थी। आपस में खटास के बावजूद मीना में कमाल को पाकीजा के लिए अपनी जमा-पूंजी दे दी। और लगातार गिरती सेहत के बावजूद उन्होने फिल्म की शूटिंग पूरी की। 1956 में हुए अपने महूर्त से लेकर 1972 में रिलीज तक पाकिजा को बनने में 16 साल लग गए और इन सोलह सालों में मीना कुमारी की जिंदगी अर्श से फर्श तक आते-आते 31 मार्च 1772 में खत्म हो गई।      


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Edited By

prachi upadhyay

Recommended News

Related News