''क्या पाखंड है'', भाजपा ने कांवड़ यात्रा पर हिंदू भावनाओं का ''दुरुपयोग'' करने के लिए विपक्ष की आलोचना की

punjabkesari.in Thursday, Jul 18, 2024 - 06:04 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने गुरुवार को समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव पर उत्तर प्रदेश सरकार के उस निर्देश की आलोचना करने के लिए निशाना साधा, जिसमें कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने को कहा गया था। 

भाजपा प्रवक्ता ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचे, यह सुनिश्चित करने के लिए हलाल प्रमाणीकरण प्रदर्शित करना चरम धर्मनिरपेक्षता है। सभी भोजनालयों से अनुरोध है कि वे कानून का पालन करें और नाम का उचित खुलासा करें, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कांवड़ियों की आस्था को गलत सूचना से ठेस न पहुंचे- चरम कट्टरता।" 

यह कैसा पाखंड है- पूनावाला
पूनावाला ने कहा, "यह कैसा पाखंड है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि धार्मिक यात्रा के दौरान हर किसी को अपनी पसंद का भोजन चुनने का अधिकार होना चाहिए। पूनावाला ने कहा, "यदि मुसलमान केवल हलाल भोजन परोसने वाले स्थान पर भोजन कर सकते हैं, तो अन्य श्रद्धालुओं को भी अपनी धार्मिक यात्रा के दौरान सात्विक भोजन चुनने की अनुमति दी जानी चाहिए।" उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यदि यात्री सभी नियमों का पालन करने को तैयार हैं तो उन्हें यात्रा मार्ग पर या यात्रियों को भोजन बेचने से कोई मना नहीं कर रहा है। 

हिंदू समुदाय को "गाली" देने के लिए विपक्ष की आलोचना करते हुए पूनावाला ने सवाल किया, "क्या भारतीय गठबंधन के पास भारत को विभाजित करने के अलावा कोई काम नहीं है? वोटबैंक के उद्देश्य से हिंदुओं को गाली देना, उन्हें हिंसक कहना और उनकी आस्था पर हर समय हमला करना।" उनकी यह प्रतिक्रिया मुजफ्फरनगर प्रशासन द्वारा यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों और दुकानों को मालिकों के नाम ठीक से प्रदर्शित करने के निर्देश के बाद आई है, ताकि कांवड़ यात्रियों के बीच "भ्रम" न हो।

ऐसे आदेश शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ देंगे- अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने कहा कि ऐसे आदेश शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ देंगे, ‘‘गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते जैसे नामों से क्या पहचाना जाएगा?’’ उन्होंने अदालत से आदेश का स्वत: संज्ञान लेने की मांग की।उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "माननीय न्यायालय को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए और ऐसे प्रशासनिक आदेश के पीछे सरकार की मंशा की जांच करनी चाहिए तथा उचित दंडात्मक कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ना चाहते हैं।"

22 जुलाई से शुरू होगी कांवड़ यात्रा 
इस साल कांवड़ यात्रा श्रावण मास के पहले दिन 22 जुलाई से शुरू होगी। एक महीने तक चलने वाले इस उत्सव में देश भर से लोग गंगाजल लेने के लिए हरिद्वार और ऋषिकेश जाएंगे और घर लौटते समय शिव मंदिरों में जल चढ़ाएंगे।


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Content Editor

rajesh kumar

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