जयराम रमेश के बयान पर भाजपा का पलटवार, कहा- विदेश में जाकर झूठ बोलने वालों को 2024 में जगह दिखा दी जाएगी
punjabkesari.in Saturday, Jun 10, 2023 - 04:52 PM (IST)

नेशनल डेस्कः ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बॉरिज जॉनसन के सांसद पद से इस्तीफा देने पर कांग्रेस-भाजपा आमने सामने आ गई हैं। कांग्रेस मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने जॉनसन के इस्तीफे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा है। उधर, भारतीय जनता पार्टी ने इसपर पलटवार किया है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि कुछ कड़वा सच! सुप्रीम कोर्ट के बारे में झूठ बोलने और गलत बयान देने के लिए राहुल को बिना शर्त माफी मांगनी पड़ी।
शहजाद ने ट्वीट कर कहा कि कुछ कड़वा सच! सुप्रीम कोर्ट के बारे में झूठ बोलने और गलत बयान देने के लिए राहुल को बिना शर्त माफी मांगनी पड़ी। यह एक सांसद (तब) का एकमात्र समानांतर है जो शीर्ष अदालत के बारे में स्पष्ट रूप से झूठ बोल रहा है! इसके बाद उन्होंने ओबीसी समाज (उपनाम मोदी) के बारे में झूठ बोला और एक अदालत द्वारा अयोग्य घोषित कर दिया गया। ऐसे लोग भारत के बारे में विदेशों में जाकर झूठ बोलते हैं। समय आ गया है कि उन्हें 2024 में उनकी जगह दिखा दी जाएगी।
Some bitter truth!
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) June 10, 2023
Rahul had to unconditionally apologise for lying & misquoting about Supreme Court
That’s the only parallel of an MP (back then) blatantly lying about the apex court!
He then went on to lie about the OBC Samaj (surname Modi ) & was disqualified by a court… https://t.co/Lvk71s7CP3
इससे पहले जयराम रमेश ने कहा कि कुछ और भी प्रधानमंत्री हैं जो संसद और देश को ट्रूथफ्री स्वीटनर की दैनिक खुराक देते हैं। सोचिए अगर उन्हें उनके झूठ, विकृतियों, मनगढ़ंत बातों और ज्वलंत राष्ट्रीय मुद्दों पर चुप्पी के लिए जवाबदेह ठहराया जाए। कल्पना कीजिए कि अगर हम वास्तव में एक कार्यात्मक संसदीय लोकतंत्र होते, जैसे हम तथाकथित अच्छे दिन आने से पहले हुआ करते थे।
पार्टीगेट मामले में चल रही है जांच
बता दें कि जॉनसन (58) इस मामले में एक संसदीय समिति की जांच का सामना कर रहे हैं। समिति इस बात का पता लगा रही है कि पूर्व प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी के दौरान 10 डाउनिंग स्ट्रीट में लॉकडाउन से जुड़े नियम तोड़कर जिन पार्टियों का आयोजन किया, क्या उन्हें लेकर उन्होंने निचले सदन ‘हाउस ऑफ कॉमन्स' को गुमराह किया।
जॉनसन का फैसला शुक्रवार को तब आया, जब उन्हें संसद की विशेषाधिकार समिति से इस महत्वपूर्ण मामले में एक गोपनीय पत्र मिला। जॉनसन ने संसदीय समिति की इस जांच को ‘‘उन्हें संसद से बाहर निकालने का प्रयास'' करार दिया। एक बयान में उन्होंने कहा, ‘‘समिति ने इस संबंध में अभी तक एक भी सबूत पेश नहीं किया है कि मैंने जानबूझकर या लापरवाही से हाउस ऑफ कॉमन्स को गुमराह किया।''