Bengal Elections: भाजपा ने जारी किया संकल्प पत्र, शाह बोले- यह महज घोषणा नहीं बल्कि हमारा संकल्प है

punjabkesari.in Sunday, Mar 21, 2021 - 08:29 PM (IST)

नेशनल डेस्कः भारतीय जनता पार्टी ने बंगाल में अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी कर दिया है। गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा ने अपना घोषणा पत्र जारी किया। इस दौरान शाह ने कहा कि जब से भाजपा की सरकारें बनने लगी, तब से संकल्प पत्र का महत्व बढ़ने लगा है। इसको ध्यान से देखा जाने लगा है। उन्होंने कहा कि घोषमा पत्र की जगह हमने संकल्प पत्र का नाम दिया  है। कैसे हम बंगाल को सोनार बांग्ला बनाएंगे।

शाह ने कहा कि यह घोषणा ही नहीं बल्कि संकल्प है। उन्होंने कहा कि संकल्प पत्र को बनाने से पहले बंगाल के लोगों से सुझाव मांगे गए...ट्विटर के जरिए, सुझाव पेटिका के जरिए। फोन के जरिए...जिस भी माध्य से हो सका हमने संकल्प पत्र को हर क्षेत्र के सुझाव मगाए थे और बजट के हिसाब से अपने संकल्प पत्र में शामिल किया है।

इस अवसर पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष, राष्ट्रीय महासचिव व पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय और प्रदेशा के भाजपा सांसद सहित अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित थे। शाह ने कहा कि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र को हमेशा एक संकल्प पत्र के रूप में स्थान दिया है। उन्होंने कहा कि यह पार्टी का संकल्प है कि कैसे पश्चिम बंगाल को ‘‘सोनार बांग्ला'' के रूप में परिवर्तित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस संकल्प पत्र के लिए भाजपा ने विभिन्न माध्यमों से बंगाल के जन-जन तक पहुंचने का प्रयत्न किया और फिर यह संकल्प पत्र तैयार किया।

उन्होंने कहा, ‘‘संकल्प पत्र हमारे सोनार बांग्ला के संकल्प पर आधारित है और यह बजट के अनुकूल हो इसका भी ध्यान रखा गया है।'' उन्होंने कहा कि बंगाल ने सदियों तक भारत की अगुवाई की है और वह चाहे आजादी का संग्राम रहा हो, चाहे राजनीति का क्षेत्र या फिर विज्ञान, शिक्षा और साहित्य का।

राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए शाह ने दावा कि पिछले 10 वर्षों में बंगाल के अंदर तृणमूल कांग्रेस के कुशासन ने एक ‘‘काले अध्याय'' की शुरुआत की है, जिसकी वजह से चारों ओर निराशा व्याप्त है। उन्होंने कहा, ‘‘ममता बनर्जी ने अपने वोट बैंक के लिए तुष्टीकरण को चरम सीमा पर पहुंचाया है। देश की सुरक्षा जैसे संवेदनशील विषयों को भी इन्होंने वोट बैंक की राजनीति से जोड़कर देखा। परंपरागत उत्सवों को भी वोट बैंक की राजनीति का जरिया बनाया।'' 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Yaspal

Recommended News

Related News