भाजपा का तंज, कहा- अब पता चला ममता के दिल के दर्द का राज

punjabkesari.in Thursday, Jun 08, 2017 - 09:23 AM (IST)

नई दिल्ली: भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस द्वारा चुनाव में किसी तीसरे पक्ष से धन व्यय करवाने और उसकी जानकारी चुनाव आयोग एवं आयकर विभाग को नहीं देने के खुलासे पर हैरानी व्यक्त करते हुए आज कहा कि शायद इसी वजह से यह पार्टी राजनीति एवं समाज से कालाधन को बाहर करने के मकसद से हुई नोटबंदी का इतना तीखा विरोध कर रही थी। भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और पार्टी महासचिव भूपेन्द्र यादव ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में एक टेलीविजन चैनल द्वारा किए गए इस आशय के खुलासे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कि नोटबंदी का फैसला कालेधन और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने तथा राजनीति एवं समाज में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से लिया गया था। 

'नोटबंदी को लेकर ममता के दिल में क्यों होता है दर्द?'
चुनाव आयोग ने चुनावी चंदे में भी पारदर्शिता बरतने के लिए कई नियम बनाए हैं जिनका भाजपा ने स्वागत किया है। लेकिन इस टीवी रिपोर्ट से इस रहस्य का पता चला है कि नोटबंदी को लेकर ममता बनर्जी के दिल में दर्द क्यों होता है। गोयल ने कहा कि 2013-14 में राजनीतिक विज्ञापनों को कोई और छपवाता था। इसी प्रकार से पार्टी के प्रचार के लिए हेलीकॉप्टरों एवं विमानों के लिए भी किसी तीसरे पक्ष से धन का भुगतान कराया जाता था। लेकिन इस ब्योरे को आयकर विभाग एवं चुनाव आयोग से छिपाया गया। चुनाव आयोग ने चुनावी खर्च में पारदर्शिता लाने और ईमानदार पैसा लगे, इस मकसद से कई नियम बनाए हैं। इसमें 2000 से बड़ी राशि को नकद नहीं लेने का निर्णय भी है। चुनाव में धन लगाने के लिए इलैक्टोरल बॉंड लाने की भी योजना है। भाजपा ने इन सब कदमों का स्वागत किया है।   

'मोदी सरकार किसी जांच एजेंसी के काम में हस्तक्षेप नहीं करती'
उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को भाजपा का विरोध करने की बजाय आम सहमति से नियमों का अनुसरण करना चाहिए और आयोग एवं आयकर विभाग को ईमानदारी से अपने आय व्यय के विवरण को बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब किसी को भी प्रेस की आजादी और सेकुलरवाद के नाम पर गलत काम करने की आजादी नहीं दी जा सकती है। विभिन्न राजनीतिक दलों एवं मीडिया संगठनों के लोगों के विरुद्ध जांच के नाम पर उत्पीडऩ एवं राजनीतिक बदले की भावना से काम करने के आरोपों पर गोयल ने कहा कि भाजपा और मोदी सरकार किसी भी जांच एजेंसी के काम में कोई हस्तक्षेप नहीं करती है। 


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