मोदी-ट्रंप बैठक ने बढ़ाई चीन की टेंशन, बोला- हमें मुद्दा न बनाओ तो अच्छा

punjabkesari.in Saturday, Feb 15, 2025 - 01:19 PM (IST)

Bejing: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi) और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की बैठक ने चीन (China) की टेंशन बढ़ा दी है । लेकिन इस पर सधी हुई प्रतिक्रिया देते हुए बीजिंग ने शुक्रवार को कहा कि द्विपक्षीय सहयोग में चीन को मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए और इससे किसी तीसरे देश के हितों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन (Chinese Foreign Ministry spokesperson Guo Jiakun) ने मोदी और ट्रंप की मुलाकात पर कहा कि एशिया-प्रशांत शांतिपूर्ण विकास का केंद्र है, न कि भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का क्षेत्र। मोदी और ट्रंप के बीच हुई वार्ता में रक्षा सहयोग को मजबूत करने के अलावा अमेरिका और भारत के बीच घनिष्ठ साझेदारी को स्वतंत्र, खुले, शांतिपूर्ण एवं समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण मानने सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई।

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गुओ ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि चीन का मानना ​​है कि देशों के बीच संबंधों और सहयोग में चीन को मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए या अन्य के हितों को नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए तथा यह शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए अनुकूल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विशेष समूह बनाने तथा गुटीय राजनीति और गुटीय टकराव में शामिल होने से सुरक्षा नहीं आएगी तथा किसी भी तरह से एशिया-प्रशांत एवं पूरे विश्व को शांतिपूर्ण और स्थिर नहीं रखा जा सकेगा। मोदी और ट्रंप के बीच बृहस्पतिवार (भारतीय समयानुसार शुक्रवार) को हुई वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों देश भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों को आगे बढ़ाने पर सहमत हुए हैं और 21वीं सदी के लिए एक नयी पहल - ‘यूएस-इंडिया कॉम्पैक्ट' (सैन्य साझेदारी, त्वरित वाणिज्य और प्रौद्योगिकी के लिए अवसर उत्पन्न करना) शुरू की है।

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दोनों नेताओं ने इस बात की भी पुष्टि की कि अमेरिका और भारत के बीच घनिष्ठ साझेदारी एक स्वतंत्र, खुले, शांतिपूर्ण और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही उन्होंने अन्य मुद्दों के अलावा क्वाड साझेदारी को मजबूत करने की बात भी कही। भारत क्वाड गठबंधन का सदस्य है, जिसमें अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। चीन क्वाड से चिंतित है और उसका कहना है कि इस गठबंधन का उद्देश्य उसके उभार को रोकना है। अमेरिकी राष्ट्रपति के दूसरे कार्यकाल के लिए पदभार ग्रहण करने के कुछ सप्ताह बाद ट्रंप के साथ प्रधानमंत्री मोदी की बैठक को लेकर चीन में हलचल रही, विशेष रूप से नयी दिल्ली और वाशिंगटन के बीच रक्षा सहयोग के क्षेत्र में निकलने वाले परिणाम को लेकर।  


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Content Writer

Tanuja

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