अमेरिका के इस ब्रहमास्त्र से थर-थर कांपता है चीन, एक झटके में मिट सकता जिनपिंग का साम्राज्य
punjabkesari.in Monday, Feb 17, 2025 - 04:35 PM (IST)
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Washington: अमेरिका के पास एक ऐसा ब्रहमास्त्र है, जिससे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की नींद उड़ जाती है। यह न तो परमाणु हथियार है, न ही F-35 फाइटर जेट और न ही कोई हमला करने वाली पनडुब्बी। यह कोई व्यापारिक प्रतिबंध या टैरिफ भी नहीं है। दरअसल, यह ब्रहमास्त्र एक अमेरिकी कानून है पब्लिक लॉ 117-263, जिसे 23 दिसंबर 2022 को अमेरिकी कांग्रेस ने पारित किया था। इसे फिस्कल ईयर 2023 के लिए नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्ट के नाम से भी जाना जाता है। खासतौर पर सेक्शन 6501 चीन के लिए सबसे बड़ी चिंता का कारण बना हुआ है। इस कानून के सेक्शन 6501 का शीर्षक ही काफी कुछ कह देता है "चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की संपत्ति और भ्रष्टाचार पर रिपोर्ट" ।
यह कानून अमेरिका की खुफिया एजेंसियों को आदेश देता है कि वे शी जिनपिंग और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के शीर्ष नेताओं की संपत्ति और भ्रष्टाचार से जुड़ी गतिविधियों की सार्वजनिक रिपोर्ट तैयार करें। कानून में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इस अधिनियम के लागू होने की तारीख से 1 वर्ष के भीतर , अमेरिकी नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर को विदेश मंत्री की सलाह के साथ, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की संपत्ति और भ्रष्टाचार पर एक अनक्लासिफाइड (गोपनीयता मुक्त) रिपोर्ट सार्वजनिक रूप से जारी करनी होगी। इस रिपोर्ट में शी जिनपिंग, पोलित ब्यूरो, पोलित ब्यूरो स्थायी समिति के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य क्षेत्रीय पार्टी सचिवों की संपत्ति और भ्रष्टाचार की जांच की जाएगी। इसमें विदेशी बैंक अकाउंट, व्यवसाय, अचल संपत्ति (रियल एस्टेट) और उन रिश्तेदारों की जानकारी शामिल होगी, जिन्होंने विदेशी नागरिकता (ग्रीन कार्ड) प्राप्त की है।
अमेरिकी सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम किसी भी अन्य प्रतिबंध या टैरिफ से कहीं ज्यादा प्रभावी साबित हो सकता है। आमतौर पर जब अमेरिका चीन पर व्यापारिक प्रतिबंध लगाता है, तो शी जिनपिंग और उनके सहयोगी इसका बोझ आम चीनी नागरिकों पर डाल देते हैं। लेकिन अगर उनकी खुद की संपत्ति और भ्रष्टाचार उजागर होता है, तो चीन की आम जनता के बीच भारी आक्रोश फैल सकता है। शी जिनपिंग बार-बार "चीनी लोगों को कड़वाहट सहने" की सलाह देते हैं, लेकिन अगर जनता को यह पता चले कि कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष नेता खुद हजारों करोड़ों डॉलर की संपत्ति के मालिक हैं, तो यह सीसीपी के पतन का कारण बन सकता है।
इतिहास गवाह है कि भ्रष्टाचार ही चीन में सत्ता पलटने का सबसे बड़ा कारण रहा है। 1949 में जब कम्युनिस्ट पार्टी ने सत्ता संभाली, तो इसका एक बड़ा कारण नेशनलिस्ट कुओमिन्तांग (KMT) सरकार में फैला भारी भ्रष्टाचार था, जिसके चलते चीनी जनता ने उनका समर्थन छोड़ दिया था। शी जिनपिंग इस ऐतिहासिक सबक को अच्छी तरह जानते हैं। 2012 में ब्लूमबर्ग और न्यूयॉर्क टाइम्स ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के उच्चाधिकारियों की संपत्ति पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें शी जिनपिंग के रिश्तेदारों की संपत्ति का भी खुलासा हुआ था। इस रिपोर्ट के जवाब में चीन ने कड़ा रुख अपनाया था।