उकसावे पर माकूल जवाब: बिहार रेजीमेंट ने दिखाया रौद्र रूप, तोड़ डालीं 18 चीनी सैनिकों की गर्दनें

punjabkesari.in Sunday, Jun 21, 2020 - 04:29 AM (IST)

नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा विवाद के बीच बीती 15 मई को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने एक खतरनाक साजिश के तहत भारतीय जवानों पर हमला बोल दिया था। हालांकि, चीनी सैनिकों की तरफ से अचानक हुए इस हमले में पहले भारत के जवानों को बड़ी क्षति पहुंची, मगर उसके बाद जिस तरह से बिहार रैजीमैंट के जवानों ने मोर्चा संभाला, चीनी सैनिकों की हालत खराब कर दी। 

जानकारी के अनुसार, हिंसक हमले में अपने कमांडिंग ऑफिसर कर्नल बी. संतोष बाबू के शहीद होने के बाद बिहार रैजीमैंट के जवानों का रौद्र रूप देखकर चीनी सैनिक हक्के-बक्के रह गए। भारतीय सैनिकों ने एक-एक कर 18 चीनी सैनिकों की गर्दन तोड़ दी और उनके सिर झूल रहे थे। 

दरअसल, उस रात बिहार रैजीमैंट के जवानों की बहादुरी की कहानी दुनिया के लिए एक मिसाल बन गई है। उस रात चीनी सैनिकों की संख्या भारतीय सेना की तुलना में 5 गुना अधिक थी लेकिन फिर भी हमारे बहादुर जवानों ने चीनी सेना को सबक सिखाया।

भारतीय सेना का घातक दस्ता पहुंचा मौके पर
हिंसक झड़प में कमांडिंग ऑफिसर शहीद हो गए तो बिहार रैजीमैंट के सैनिकों के धैर्य का बांध टूट गया। चीनी सैनिकों की तादाद बहुत ज्यादा थी, जिसके बाद भारतीय फौज ने पास की टुकड़ी को इस बारे में जानकारी दी और मदद मांगी। सूचना मिलने के तुरंत बाद ही भारतीय सेना का ‘घातक’ दस्ता मदद के लिए वहां पहुंचा। बिहार रैजीमैंंट और घातक दस्ते के सैनिकों की कुल तादाद सिर्फ 60 थी। यह लड़ाई लगभग चार घंटे तक चलती रही। चीनियों के पास तलवार और रॉड थे, जिनको छीनकर भारतीय सैनिकों ने उन पर हमला करना शुरू कर दिया।  


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Pardeep

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