चीन के राष्ट्रपति पर बिहार में दर्ज मुकद्दमे की सुनवाई 18 को, गवाही देंगे PM मोदी और ट्रंप !

punjabkesari.in Thursday, Jun 11, 2020 - 01:12 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः पूरी दुनिया पिछले 6 माह से कोरोना महामारी के संकट से जूझ रही है । इस बीच वायरस ने भारत को भी अपनी चपेट में ले लिया और देश पर अब यह प्रकोप बढ़ता जा रहा है। अमेरिका सहित दुनियाभर के देश कोरोना को फैलाने के लिए चीन को जिम्मेदार मानते हैं और इसके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस मामले में भारत के बिहार राज्य से एक चौंकाने वाली खबर आई है। बिहार के बेतिया के एक अधिवक्ता सह याचिकाकर्ता मुराद अली ने कोरना फैलाने को लेकर बेतिया के सीजेएम कोर्ट में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और विश्व स्वास्थय संगठन (WHO) के डीजी सहित कुछ अज्ञात के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज कराया है।

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इन सब पर आरोप है कि इन्होंने मिलकर पूरे विश्व में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को फैलाया है। इस केस में चौंकाने वाली बात यह भी है कि मामले में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को गवाह बनाया गया है। मुराद अली ने कहा कि साक्ष्य के तौर पर इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों में चल रही खबरें और कई डॉक्युमेंट्स को आधार बनाया है। वहीं, गवाह के रूप में मुराद अली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम दिया है। अली द्वारा दायर याचिका पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए 18 जून का समय दिया है। अभियुक्तों पर आईपीसी की धारा 269, 270, 271, 302, 307, 504 और 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है।

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अब सवाल यह उठता है कि क्या भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गवाही देने के लिए बिहार के बेतिया कोर्ट में हाजिर होंगे। बता दें कि इससे पहले चीन के राष्ट्रपति और भारत में चीन के राजदूत सनवेईडोंग के खिलाफ मुजफ्फरपुर एडीजे कोर्ट में भी परिवाद दायर किया गया था। मुजफ्फरपुर के वकील सुधीर कुमार ओझा ने शी जिनपिंग पर मामला दायर किया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि चीन ने सुपर पॉवर बनने के लिए साजिश व षड्यंत्र के तहत कोरोना को इजाद किया था।

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सुधीर ओझा ने बताया था कि 1981 में प्रकाशित किताब आईज ऑफ डोकेन्स से इसका खुलासा होता है। कोरोनावायरस चीन के शहर वुहान के एक लैब में सबसे छिपाकर बनाया गया था। किताब में लिखा है कि चीन इसका उपयोग लॉजिकल हथियार के रूप में करेगा। अधिवक्ता का आरोप था कि चीन ने साजिश के तहत कोरोनावायरस का उपयोग किया है। भारत में भी इस बीमारी से लोगों की मौत हुई और सैकड़ों लोग इससे पीड़ित हैं। चीन ने जानबूझकर ऐसा कार्य किया है ताकि भारत में इस बीमारी से लोगों की मृत्यु हो और आर्थिक क्षति पहुंचे।


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Tanuja

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