मुदा मामले में कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और उनकी पत्नी को बड़ी राहत, लोकायुक्त से मिली क्लीन चिट
punjabkesari.in Wednesday, Feb 19, 2025 - 05:02 PM (IST)
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नेशनल डेस्क: कर्नाटक लोकायुक्त ने development authority से ज़ुड़े एक घोटाले में सीएम सिद्धारमैया, उनकी पत्नी और दो अन्य को क्लीन चिट दे दी। इस मामले में सीएम, उनकी पत्नी पार्वती, उनके भाई मल्लिकार्जुन सहित अन्यों पर FIR दर्ज थी,जिन्हें अब बड़ी राहच मिली है। कर्नाटक में Muda जमीन आवंटन मामले में 25 सितंबर को विशेष अदालत के आदेश के बाद 27 सितंबर को लोकायुक्त पुलिस ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी पार्वती और उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी के खिलाफ FIR दर्ज की थी।
लोकायुक्त पुलिस ने इस मामले में जांच में बताया कि सबूतों की कमी के कारण मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनकी पत्नी पार्वती के खिलाफ कोई आरोप साबित नहीं किए जा सके। उन्होंने इसकी रिपोर्ट कर्नाटक हाईकोर्ट को सौंप दी है। इस मामले में आरोप था कि मुडा के तहत जमीन आवंटन में अनियमितताएं और भ्रष्टाचार हुआ था, लेकिन जांच में इन आरोपों की पुष्टि नहीं हो पाई। मैसूर शहरी development authority द्वारा 2016 से 2024 तक मुआवजा भूखंड देने के आरोपों की आगे की जांच की जाएगी। इस मामले की जांच धारा 173(8) सीआरपीसी के तहत की जाएगी, और इसके तहत एक अतिरिक्त अंतिम रिपोर्ट भी उच्च न्यायालय को सौंपी जाएगी।
क्या है पूरा मामला-
कर्नाटक में मुडा शहरी विकास योजना के तहत जमीन खोने वाले लोगों के लिए 50:50 योजना लाई गई थी, जिसमें इन लोगों को विकसित भूमि का 50% हिस्सा दिया जाता था। यह योजना 2009 में शुरू की गई थी, लेकिन 2020 में भाजपा सरकार ने इसे बंद कर दिया था। सरकार के निर्णय के बावजूद मुडा ने इस योजना के तहत जमीनों का कब्ज़ा और आवंटन जारी रखा। विवाद का मुख्य कारण यही है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को इस योजना के तहत लाभ पहुंचाया गया। आरोप है कि पार्वती को 3 एकड़ और 16 गुंटा भूमि मुडा द्वारा अधिग्रहित की गई, और इसके बदले 14 साइटें एक महंगे इलाके में आवंटित की गईं। यह भूमि 2010 में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी को उनके भाई मल्लिकार्जुन स्वामी ने उपहार के रूप में दी थी। आरोप यह है कि मुडा ने बिना सही तरीके से इस भूमि का अधिग्रहण किए, देवनूर तृतीय चरण की योजना को विकसित कर दिया।