हेमकुंड साहिब जाने वाले श्रदालुओं के लिए बड़ी खबर, घर पर छोड़कर जाएं ये सामान
punjabkesari.in Thursday, Jul 03, 2025 - 06:09 PM (IST)

नेशनल डेस्क: सिख श्रद्धालुओं के प्रमुख तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब की वार्षिक यात्रा को लेकर उत्तराखंड पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनज़र अहम दिशा-निर्देश जारी किए हैं। श्रीनगर और जोशीमठ में हाल ही की कुछ घटनाओं के बाद, श्रद्धालुओं द्वारा लाए जाने वाले पारंपरिक हथियारों- जैसे तलवार, भाले और कृपाण पर धार नहीं होने की शर्त लागू की गई है।
गढ़वाल रेंज के आईजी ने जानकारी दी कि हर साल हजारों श्रद्धालु हेमकुंड साहिब की कठिन यात्रा पर पहुंचते हैं। सिख धर्म की परंपरा के अनुसार तलवार और कृपाण उनकी आस्था और पहचान का प्रतीक हैं, लेकिन मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए पुलिस ने फैसला किया है कि अब केवल प्रतीकात्मक और बिना धार वाले हथियारों को ही राज्य की सीमा में लाने की अनुमति होगी।
सीमाओं पर सख्ती, पुलिस अलर्ट
गढ़वाल क्षेत्र के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को सीमा चेक पोस्ट पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। यात्रियों के सामान की जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी धारदार हथियार यात्रा मार्ग पर न लाया जाए।
10 अक्टूबर 2025 तक जारी रहेगी यात्रा
हेमकुंड साहिब उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है और समुद्र तल से लगभग 14,200 फीट की ऊंचाई पर बसा है। यह दुनिया के सबसे ऊंचे गुरुद्वारों में गिना जाता है। हर साल गर्मियों में जब बर्फ पिघलती है, तो श्रद्धालुओं के लिए कपाट खोले जाते हैं। 2025 में हेमकुंड यात्रा 25 मई से शुरू हो चुकी है और यह 10 अक्टूबर 2025 तक जारी रहेगी। सर्दियों में बर्फबारी के चलते यह मार्ग पूरी तरह बंद हो जाता है।
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