बांग्लादेश में इतिहास की किताबों में होने जा रहा बड़ा बदलाव, 1971 युद्ध से भारत का नाम हटाने की तैयारी
punjabkesari.in Friday, Feb 28, 2025 - 02:51 PM (IST)
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नेशनल डेस्क: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद युनूस सरकार ने स्कूली पाठ्यक्रम में बड़े बदलाव करने का निर्णय लिया है। बांग्लादेश के राष्ट्रीय पाठ्यचर्या और पाठ्यपुस्तक बोर्ड (NCTB) ने स्कूलों की इतिहास की किताबों से महत्वपूर्ण बदलावों का ऐलान किया है, जिसमें खासतौर पर बांग्लादेश की स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी जानकारी को कम किया जा रहा है।
मीडिया के अनुसार, बांग्लादेश अब अपनी इतिहास की किताबों से अपने राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर्रहमान और भारत का नाम हटाने की कोशिश कर रहा है। यह बदलाव 1971 के युद्ध से संबंधित है, जब भारत ने बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। अब बांग्लादेश चाहता है कि बच्चों को भारत से कोई हमदर्दी न हो, इसलिए इस पूरी घटना को किताबों से हटाने का प्रयास किया जा रहा है।
इतिहास की किताबों में बांग्लादेश की आजादी में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में कई किस्से दर्ज हैं। इसके साथ ही, शेख मुजीबुर्रहमान की और भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की साथ की दो तस्वीरें भी किताबों से हटा दी जाएंगी। ये तस्वीरें 1972 में कोलकाता और ढाका में ली गई थीं, जिसमें शेख मुजीब और इंदिरा गांधी एक साथ नजर आ रहे थे। हालांकि, बांग्लादेश ने यह तय किया है कि भारतीय सेना और मुक्ति बाहिनी का जिक्र किताबों से नहीं हटेगा। साथ ही, 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान के सरेंडर की तस्वीर भी इतिहास की किताबों में बनी रहेगी।
बांग्लादेश ने शेख हसीना की तस्वीरों को किताबों से हटाने का फैसला भी लिया है। इसके अलावा, शेख मुजीबुर्रहमान से जुड़ा कंटेंट या तो कम किया जाएगा या फिर उसे फिर से लिखा जाएगा। शेख मुजीबुर्रहमान की नेतृत्व क्षमता पर आधारित अध्याय भी इतिहास की किताबों से हटा दिया जाएगा। इस बदलाव को लागू करने के लिए बांग्लादेश के शिक्षा मंत्रालय ने 57 विशेषज्ञों की एक टीम बनाई है, जो इन परिवर्तनों को लागू करेंगे। इस योजना के तहत 441 किताबों में बदलाव किया जाएगा, और इस साल 40 करोड़ से ज्यादा नई किताबें प्रकाशित की जाएंगी।