सावधान! ScreenShot स्कैम से लेकर फिशिंग तक...इन नए-नए तरीकों से ठगे जा रहे हैं आपके पैसे, यहाँ देखें बचने का तरीका
punjabkesari.in Saturday, Oct 11, 2025 - 01:47 PM (IST)

नेशनल डेस्क: देश में डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है। UPI और मोबाइल बैंकिंग अब हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इसे और आसान बनाने के लिए नए ऐप्स और सिस्टम लॉन्च किए हैं, जिससे स्मार्टवॉच या कार से भी पेमेंट की जा सकती है। लेकिन जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी बढ़ रही है, वैसे-वैसे साइबर फ्रॉड के मामले भी बढ़ रहे हैं। आज लोग फेक स्क्रीनशॉट, फिशिंग और QR कोड फ्रॉड जैसे तरीकों से अपने पैसे गंवा रहे हैं।
वरिष्ठ नागरिक सबसे ज्यादा निशाना
विशेषज्ञों का कहना है कि सिनियर सिटीजन साइबर क्राइमर्स का मुख्य लक्ष्य हैं। रुपयापैसा.कॉम के फाउंडर मुकेश पांडेय और इंडिया फ्यूचर फाउंडेशन के कनिष्क गौड़ ने बताया कि डिजिटल फ्रॉड से बचने के लिए कभी भी अनजान नंबर से आए कॉल या लिंक पर क्लिक न करें।
किसी को भी अपने कार्ड की CVV या पिन शेयर न करें।
➤ मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें, ताकि पेमेंट सिर्फ OTP पर निर्भर न रहे।
➤ अपना फोन अनजान लोगों के हाथ में न दें, क्योंकि कई बार OTP फॉरवर्डिंग के जरिए ट्रांसफर करवा लिए जाते हैं।
ब्लूटूथ और वाई-फाई सावधानी
कनिष्क गौड़ ने बताया कि फोन के ब्लूटूथ और वाई-फाई को पब्लिक जगहों पर बंद रखें। साइबर फ्रॉडर्स मशीनों के जरिए आपके फोन से जानकारी चुरा सकते हैं।
फेक स्क्रीनशॉट फ्रॉड
आजकल लोग फेक स्क्रीनशॉट भेजकर ठगी कर रहे हैं।
फ्रॉडर्स अक्सर आपके अकाउंट में ₹1-2 भेजकर यूपीआई ID ले लेते हैं। इसके बाद वे दावा करते हैं कि आपके पैसे उनके अकाउंट में चले गए हैं और आपको ट्रांसफर करने के लिए कह देते हैं।
विशेषज्ञ का सुझाव: अगर अकाउंट में पैसा नहीं आया है और सिर्फ स्क्रीनशॉट दिखाया गया है, तो कभी भी पेमेंट न करें। यूपीआई में ट्रांजैक्शन आम तौर पर तुरंत होती है, इसलिए पेमेंट ऑन-होल्ड या अटकी हुई स्थिति में धोखा दिया जा सकता है।
QR कोड फ्रॉड
QR कोड के जरिए भी फ्रॉड की घटनाएं बढ़ रही हैं। दुकानों के बाहर QR कोड बदल दिए जाते हैं या उनका नंबर बदल दिया जाता है।
बचाव: पेमेंट करने से पहले फिजिकली जाकर QR कोड या नंबर की पुष्टि करें।
एक्सपर्ट की सलाह
किसी अनजान कॉल या लिंक पर क्लिक न करें।
➤ कार्ड की CVV और पिन शेयर न करें।
➤ मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन हमेशा चालू रखें।
➤ फोन को सार्वजनिक जगहों पर ब्लूटूथ/वाई-फाई चालू न रखें।
➤ फेक स्क्रीनशॉट या अटकी ट्रांजैक्शन पर विश्वास न करें।
➤ QR कोड या नंबर की फिजिकल वेरिफिकेशन जरूर करें।