BCCI अब बनेगा राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक का हिस्सा, खेल मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से जानकारी

punjabkesari.in Tuesday, Jul 22, 2025 - 08:17 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अब राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक का हिस्सा बनने जा रहा है। इस विधेयक को बुधवार, 23 जुलाई को संसद में पेश किया जाएगा। खेल मंत्रालय के सूत्रों ने 22 जुलाई को इसकी पुष्टि की। बताया गया कि जिस तरह सभी राष्ट्रीय खेल महासंघ इस विधेयक के दायरे में आते हैं, उसी तरह बीसीसीआई को भी इसमें शामिल किया जाएगा।

बीसीसीआई को भी मानने होंगे देश के कानून
पीटीआई के हवाले से एक सूत्र ने कहा, “सभी राष्ट्रीय महासंघों की तरह इस विधेयक के कानून बनने के बाद बीसीसीआई को भी देश के कानूनों का पालन करना होगा।”
गौरतलब है कि क्रिकेट को 2028 लॉस एंजिलिस ओलंपिक गेम्स में शामिल किया जा चुका है, जिससे बीसीसीआई पहले ही ओलंपिक ढांचे का हिस्सा बन चुका है।  खेल प्रशासन विधेयक का मुख्य उद्देश्य समय पर चुनाव, प्रशासनिक जवाबदेही और खिलाड़ियों के कल्याण के लिए एक मज़बूत स्पोर्ट्स स्ट्रक्चर तैयार करना है।

खेल मंत्री ने दी थी विधेयक की रूपरेखा
खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने हाल ही में कहा था कि यह विधेयक देश के खेल प्रशासकों को अधिक जवाबदेह बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस विधेयक के तहत एक बोर्ड का गठन होगा, जिसे राष्ट्रीय खेल महासंघों (NSB) को मान्यता देने और फंडिंग प्रदान करने का अधिकार मिलेगा। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि महासंघ शासन, वित्तीय और नैतिक मानकों का कितना पालन करते हैं।

आयु सीमा में मिलेगी रियायत
इस विधेयक में प्रशासकों की आयु सीमा को लेकर रियायत का प्रावधान है। अब 70 से 75 वर्ष तक के लोग चुनाव लड़ सकेंगे, बशर्ते संबंधित अंतरराष्ट्रीय संस्था को इस पर कोई आपत्ति न हो। एनएसबी में एक अध्यक्ष होगा और इसके सदस्यों की नियुक्ति केंद्र सरकार करेगी। सेलेक्शन कमिटी में शामिल होंगे—कैबिनेट सचिव या खेल सचिव (अध्यक्ष), भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक, दो अनुभवी खेल प्रशासक (जो किसी राष्ट्रीय खेल संस्था के अध्यक्ष, महासचिव या कोषाध्यक्ष रह चुके हों) और एक प्रतिष्ठित खिलाड़ी, जिसे द्रोणाचार्य, खेल रत्न या अर्जुन अवॉर्ड मिल चुका हो।

रोजर बिन्नी को मिल सकता है फायदा
इस विधेयक से बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी को फायदा मिल सकता है। वे 70 साल के हो चुके हैं और मौजूदा नियमों के अनुसार आगे चुनाव नहीं लड़ सकते थे। लेकिन नए प्रावधान लागू होने पर वे 75 साल की उम्र तक अध्यक्ष पद पर बने रह सकते हैं। यानी बिन्नी को अपने कार्यकाल में 5 साल का अतिरिक्त समय मिल सकता है।


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Content Editor

Shubham Anand

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