बराक ओबामा को FBI ने कर लिया गिरफ्तार? डोनाल्ड ट्रंप ने पोस्ट किया चौंकाने वाला AI- VIDEO
punjabkesari.in Monday, Jul 21, 2025 - 03:46 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक चौंकाने वाला AI-जनरेटेड वीडियो शेयर किया है, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को FBI एजेंटों द्वारा गिरफ्तार करते हुए दिखाया गया है। यह वीडियो ट्रंप के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर पोस्ट किया गया और इसके बाद से यह अमेरिका की राजनीतिक बहस का ताज़ा केंद्र बन गया है।
— Trump Truth Social Posts On X (@TrumpTruthOnX) July 20, 2025
वीडियो की शुरुआत में ओबामा कहते दिखते हैं, राष्ट्रपति को विशेष अधिकार प्राप्त हैं, जिसके बाद कई अन्य नेताओं के क्लिप्स आते हैं – जिनमें जो बाइडेन भी शामिल हैं – और वे सभी एक सुर में कहते हैं, कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।
इसके बाद दृश्य ओवल ऑफिस का है, जहां ट्रंप और ओबामा एक साथ बैठे हुए हैं। अचानक, दो FBI एजेंट अंदर आते हैं और ओबामा को गिरफ्तार करने की कोशिश करते हैं। विरोध के दौरान ओबामा फर्श पर गिर जाते हैं और ट्रंप उन्हें देखकर मुस्कुराते हैं। वीडियो के अंतिम हिस्से में ओबामा को जेल की नारंगी कैदियों वाली यूनिफॉर्म में दिखाया गया है, और वह बेचैन तथा परेशान नजर आते हैं।
BREAKING OBAMA ARRESTED AT THE WHITEHOUSE OFFERING TRUMP BILLIONS NOT TO TURN HIM INN, TRUMP REFUSED!! pic.twitter.com/4gqnQ2HtHZ
— Thomas Greenberg (@tommyrazorcuts) July 20, 2025
तुलसी गबार्ड के बयान के बाद आया वीडियो
यह वीडियो ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी खुफिया एजेंसी की पूर्व प्रमुख और राजनेता तुलसी गबार्ड ने ओबामा प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। गबार्ड ने हाल ही में दावा किया था कि 2016 में डोनाल्ड ट्रंप की चुनावी जीत में रूसी हस्तक्षेप के दावों को लेकर ओबामा प्रशासन ने जानबूझकर खुफिया जानकारी को तोड़ा-मरोड़ा। उन्होंने कहा कि 114 पन्नों के एक दस्तावेज से यह साफ होता है कि ओबामा की राष्ट्रीय सुरक्षा टीम ने राजनीतिक उद्देश्य से खुफिया एजेंसियों का दुरुपयोग किया।
गबार्ड का कहना है कि जनता को यह सच जानने का हक है कि किस तरह 2016 में सत्ता के उच्च स्तर पर बैठे लोगों ने तथ्यों के साथ खेल किया और राजनीतिक दुश्मनों को निशाना बनाने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को हथियार की तरह इस्तेमाल किया।
AI वीडियो: मनोरंजन या प्रचार?
हालांकि यह वीडियो वास्तविक नहीं है और पूरी तरह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से तैयार किया गया है, लेकिन इसके राजनीतिक संकेत बेहद गंभीर हैं। ट्रंप समर्थकों ने इसे ‘सत्य के प्रतीकात्मक चित्रण’ के तौर पर पेश किया, जबकि आलोचकों ने इसे ‘भ्रामक और खतरनाक प्रचार’ करार दिया है।