छठे पीरियड की शुरुआत में बेहोश हुई छात्रा, अस्पताल ले जाते ही आई...

punjabkesari.in Saturday, Jul 19, 2025 - 03:53 PM (IST)

नेशनल डेस्क : बाराबंकी में शुक्रवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में पढ़ने वाली कक्षा 11 की छात्रा नंदिनी वर्मा की अचानक हार्ट अटैक से मौत हो गई। नंदिनी क्लास में पढ़ाई कर रही थी, तभी उसकी तबीयत बिगड़ गई। स्कूल प्रशासन ने तुरंत उसे जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया, लेकिन तब तक उसकी सांसें थम चुकी थीं। इस घटना से स्कूल और परिवार दोनों में शोक की लहर दौड़ गई।

नंदिनी वर्मा टिकैतनगर थाना क्षेत्र के नियामतगंज गांव की रहने वाली थी। वह अपनी दो बहनों सुधा और सविता के साथ शहर के श्रावस्ती नगर में रहकर पढ़ाई कर रही थी। उसके पिता राजितराम वर्मा नियामतगंज में कीटनाशक की दुकान चलाते हैं। स्कूल के प्रधानाचार्य शैलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि नंदिनी सुबह तक बिल्कुल स्वस्थ थी और सहेलियों के साथ हंसते-बोलते नजर आ रही थी। छठे पीरियड की शुरुआत में वह अचानक बेहोश होकर गिर पड़ी। शिक्षकों और सहपाठियों ने तुरंत उसे संभाला और महज दस मिनट में अस्पताल पहुंचाया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।

प्रधानाचार्य ने बताया कि नंदिनी स्कूल की होनहार छात्रा थी। उसने हाईस्कूल में 87.66% अंक हासिल किए थे और जिले की टॉप-10 सूची में शामिल थी। उसे गणित में विशेष रुचि थी और वह इंजीनियर बनने का सपना देख रही थी। घटना से कुछ मिनट पहले तक वह सहेलियों से बात कर रही थी। उसकी अचानक मौत ने सबको स्तब्ध कर दिया।

डॉक्टर राजेश कुशवाहा ने बताया कि नंदिनी को मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया था। शुरुआती जांच में साइलेंट हार्ट अटैक की आशंका जताई गई, लेकिन सही वजह पता करने के लिए पोस्टमॉर्टम जरूरी था। हालांकि, परिवार ने पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया और शव को गांव ले जाकर अंतिम संस्कार कर दिया गया।

यह घटना बाराबंकी में एक महीने में दूसरी बार सामने आई है। इससे पहले 1 जुलाई को सेंट एंथोनी स्कूल के 12 वर्षीय छात्र अखिल प्रताप सिंह की भी अचानक स्कूल गेट पर बेहोश होने के बाद मौत हो गई थी। उस मामले में भी साइलेंट हार्ट अटैक की आशंका जताई गई थी।

इन घटनाओं ने अभिभावकों और शिक्षा जगत में चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों में साइलेंट हार्ट अटैक जैसे मामलों पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है और स्कूलों में नियमित स्वास्थ्य जांच कराना बेहद जरूरी है। नंदिनी की मौत से परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। उसकी बहनें और पिता रो-रोकर बेहाल हैं। स्कूल में सहपाठी और शिक्षक भी सदमे में हैं। नंदिनी अपने मेहनती और विनम्र स्वभाव के लिए जानी जाती थी। यूपी बोर्ड की मेरिट सूची में नाम न आने का उसे गहरा अफसोस था, लेकिन उसने इंजीनियरिंग की तैयारी का सपना देखा था।

अस्पताल चौकी प्रभारी प्रदीप सिंह ने बताया कि परिजनों ने पोस्टमॉर्टम से मना कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने शव को परिजनों को सौंप दिया। मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गई है, हालांकि परिवार की ओर से कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है।


 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Mehak

Related News