हिंसा से सहमा Bangladesh: एक ही थाने में मारे गए 13 पुलिसकर्मी, 100 से ज्यादा मौतें, देश भर में कर्फ्यू

punjabkesari.in Monday, Aug 05, 2024 - 10:04 AM (IST)

नेशनल डेस्क: बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण समाप्त करने और प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शनों में हिंसा भड़क गई है। इस हिंसा में अब तक 100 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें 14 पुलिसकर्मी शामिल हैं। सैकड़ों लोग घायल हैं और पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इंटरनेट पर भी बैन लगाया गया है।

रविवार को उग्र हुआ प्रदर्शन
रविवार को, सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग को लेकर प्रदर्शन उग्र हो गया। प्रदर्शनकारी अब केवल एक ही मांग कर रहे हैं - प्रधानमंत्री शेख हसीना का इस्तीफा। प्रमुख अखबार प्रोथोम अलो के अनुसार, देशभर में झड़पों और गोलीबारी में कम से कम 100 लोगों की मौत हो गई है। पुलिस मुख्यालय के अनुसार, 14 पुलिसकर्मी मारे गए हैं, जिनमें से 13 सिराजगंज जिले के इनायतपुर थाने में मरे हैं। लगभग 300 पुलिसकर्मी घायल बताए जा रहे हैं।

हिंसा का कारण
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि 1971 के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था समाप्त की जाए। पहले भी इस मुद्दे पर हिंसा भड़की थी, तब कोर्ट ने कोटे की सीमा घटा दी थी, लेकिन हिंसा जारी रही। अब प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री शेख हसीना का इस्तीफा मांग रहे हैं। अब तक 11,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस स्टेशनों, सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यालयों और नेताओं के आवासों पर हमला किया और कई वाहनों को आग लगा दी।

प्रधानमंत्री का बयान
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने प्रदर्शनकारियों को "आतंकवादी" बताते हुए सख्त कार्रवाई की अपील की है। उन्होंने कहा कि "तोड़फोड़ करने वाले छात्र नहीं, बल्कि आतंकवादी हैं" और लोगों से उन्हें सख्ती से दबाने के लिए कहा। इस बीच, सरकार ने सोमवार से बुधवार तक तीन दिन की सामान्य छुट्टी की घोषणा की है।

टैक्स और बिलों का भुगतान न करने की अपील
प्रदर्शनकारियों ने टैक्स और बिलों का भुगतान न करने की अपील की है और रविवार को काम पर न जाने की भी अपील की थी। उन्होंने ढाका के शाहबाग इलाके में एक अस्पताल और बंगबंधु शेख मुजीब मेडिकल यूनिवर्सिटी पर भी हमला किया। ढाका के उत्तरा इलाके में कुछ कच्चे बम विस्फोट हुए और गोलियों की आवाजें भी सुनाई दीं।

जुलाई में भी हुआ था विरोध
जुलाई में भी इसी तरह के हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिन्हें पुलिस ने बड़े पैमाने पर कुचल दिया था। प्रदर्शनकारी नेताओं ने आंदोलनकारियों को बांस की लाठियों से लैस होने का आह्वान किया था।

भारत की एडवाइजरी
बांग्लादेश में हिंसा को देखते हुए, भारत सरकार ने भारतीय नागरिकों को वहां की यात्रा न करने की सलाह दी है। बांग्लादेश में मौजूदा दौर में मौजूद भारतीय नागरिकों को सावधानी बरतने, अपनी गतिविधियों को सीमित करने और भारतीय उच्चायोग से संपर्क में रहने की सलाह दी गई है। सरकार ने एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है।

 


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Content Editor

Mahima

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