दिल्ली के कनॉट प्लेस में वीकेंड पर कारों की एंट्री पर लगा बैन, व्यापारी हुए नाराज

punjabkesari.in Saturday, Jun 29, 2019 - 07:15 PM (IST)

नेशनल डेस्कः राजधानी दिल्ली का दिल कहे जाने वाले कनॉट प्लेस के इनर सर्किल में भीड़  और प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए एनडीएमसी ने गाड़ियों की एंट्री पर रोक लगाने के लिए प्लान तैयार किया है। इस प्लान को लागू करने से पहले शनिवार सुबह 9 से 11 बजे के बीच मॉक ड्रिल की गई, जिसमें जगह-जगह साइन बोर्ड और बैरिकेड्स लगाए गए। 30 जून और एक जुलाई सुबह 9 बजे से रात के 9 बजे तक ये ड्रिल चलेगी, जिसमें किसी भी गाड़ी को इनर सर्कल में जाने नहीं दिया जाएगा। इस प्लान के मुताबिक, कनॉट प्लेस के आउटर और मिडिल सर्किल में ही गाड़ियां पार्क की जा सकती हैं।
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कनॉट प्लेस में रोज़ाना हज़ारो लोग आते हैं, जिसमें इनर सर्किल में सबसे ज़्यादा भीड़ होती है। इसलिए इनर सर्किल में पैदल चलने वालों की सेफ्टी को सुनिचित करने के लिए इसको सिर्फ पैदल चलने वाला जोन बनाने के लिए यानि गाड़ियों की एंट्री रोकने के लिए एक खास प्लान तैयार किया गया है। आपको बता दें कि जनपथ, स्टेट एंट्री रोड और हल्दीराम क्रॉसिंग से इनर सर्किल के करीब पार्किंग तक आप जा सकते हैं। लेकिन, मिडिल लेन में सिंगल पार्किंग भी बंद रहेगी। बुज़ुर्गो और बीमारों को इसकी वजह से ज़्यादा न चलना पड़े, इसके लिए तीनो एंट्री पॉइंट्स पर 8 इलेक्ट्रिक गाड़ियों की सुविधा भी मिलेगी।

एनडीएमसी के इस अभियान से आल इंडिया ट्रेडर्स यूनियन खासा नाराज दिखाई दिया और इस पहल के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। भारी मात्रा में ट्रेडर्स एसोसिएशन के लोग कनॉट प्लेस में इकट्ठा हुए और इसे खत्म करने की मांग की। उनका कहना है कि अगर लोगों को गाड़ी इनर सर्किल में नहीं लाने दी जाएगी तो इससे उनका कारोबार ठप हो जाएगा।
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व्यापारियों का कहना है कि कनॉट प्लेस कमर्शियल जगह है कोई टूरिस्ट डेस्टिनेशन नहीं है। 40 साल से देख रहे हैं कनॉट प्लेस में कभी जाम नहीं लगता कोई दिक्कत ही नहीं है। उन्होंने कहा कि 20 प्रतिशत लोग घूमने आते हैं और 80 प्रतिशत लोग शॉपिंग करने और खाने पीने आते हैं अगर गाड़ी नहीं ला पाएंगे तो कोई यहां नहीं आएगा। साथ ही आउटर और मिडिल सर्किल में पार्किंग की जगह इनर सर्किल के मुकाबले बहुत कम है और पैसे ज़्यादा। जहां इनर सर्किल में 20 रुपए प्रति घंटा लगते हैं। वहीं आउटर और मिडिल सर्किल में 50 रुपये लगते हैं।

उन्होंने कहा कि ओला-उबर और बाकी सभी टैक्सियों को भी नहीं जाने दिया जाएगा तो लोग यहां क्यों आएंगे। हर कोई मेट्रो से नहीं आना चाहता। आपको बता दें कि इससे पहले करोल बाग में इसी तरह का ट्रॉयल किया गया था। यहां कुछ करोल बाग के भी व्यापारी हैं, जिन्होंने बताया कि करोल बाग में भी कारोबार ज़मीन पर आ गया है।


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Yaspal

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