Baba Vanga: 5 जुलाई को आएगी प्रलय! बाबा वेंगा की भविष्यवाणी के बाद हजारों फ्लाइट कैंसल, इस मुल्क में दहशत का माहौल
punjabkesari.in Wednesday, Jul 02, 2025 - 03:36 PM (IST)

नई दिल्ली/टोक्यो – जहां जून-जुलाई में जापान आमतौर पर पर्यटकों से गुलजार रहता है, वहीं इस बार माहौल पूरी तरह बदल चुका है। टोक्यो से लेकर छोटे द्वीपों तक, पूरे देश में एक अजीब-सी बेचैनी फैली है। होटल खाली हो रहे हैं, फ्लाइट्स रद्द हो रही हैं और लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की तलाश में निकल पड़े हैं। वजह है एक भविष्यवाणी, जिसने पूरे देश को ‘कर्फ्यू के सन्नाटे’ में धकेल दिया है।
इस अनहोनी की आशंका की शुरुआत हुई एक पुरानी किताब से, जो मंगा आर्टिस्ट रिया तात्सुकी ने 1999 में लिखी थी – "The Future I Saw". इस किताब में 5 जुलाई को जापान में एक विनाशकारी सुनामी और भूकंप की भविष्यवाणी की गई है। तात्सुकी को ‘जापानी बाबा वेंगा’ भी कहा जाता है क्योंकि उनके द्वारा पहले की गई भविष्यवाणियाँ—जैसे 2011 का जापान भूकंप, कोरोना वायरस का प्रकोप, और कई वैश्विक घटनाएँ—सही साबित हो चुकी हैं।
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इस बीच जापान के अकासुकिजिमा द्वीप की स्थिति भी चिंता बढ़ा रही है। 20 जून से अब तक यहां 700 से अधिक भूकंप दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें कई की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3 से 5 के बीच रही। इस द्वीप की भौगोलिक बनावट – जो एक निष्क्रिय ज्वालामुखी पर बनी है – इसे भूकंप और सुनामी की दृष्टि से बेहद संवेदनशील बनाती है।
हालांकि वैज्ञानिकों और मौसम एजेंसियों ने अभी तक कोई आधिकारिक अलर्ट जारी नहीं किया है, लेकिन लोगों का डर रुकने का नाम नहीं ले रहा। कुछ इलाकों में स्कूल बंद हैं, और बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी यात्रा योजनाएं रद्द कर दी हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हजारों फ्लाइट टिकट्स कैंसिल हो चुकी हैं और होटलों की बुकिंग्स गिर चुकी हैं। इस आशंका की वजह से सोशल मीडिया पर भी अफवाहों का बाजार गर्म है। ट्विटर और जापानी फोरम्स पर ‘5 जुलाई डूम्सडे’ (#5JulyDoomsday) जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
क्या सच में 5 जुलाई को आएगा क़हर या यह महज अंधविश्वास है?
वैज्ञानिकों का कहना है कि लगातार आ रहे भूकंप जरूर चिंताजनक हैं, लेकिन किसी ‘फिक्स डेट’ की प्राकृतिक आपदा की भविष्यवाणी को विज्ञान समर्थन नहीं देता। फिर भी, वो डर जिसका कोई चेहरा नहीं, लोगों के दिलों में घर कर चुका है।
नज़रें अब 5 जुलाई पर टिकी हैं।
क्या जापान एक और विनाशकारी त्रासदी झेलेगा, या यह भविष्यवाणी सिर्फ एक काल्पनिक डर बनकर रह जाएगी – इसका जवाब कुछ ही घंटों में सामने होगा। तब तक, जापान दहशत और प्रार्थना के साए में जी रहा है।