''कम से कम बेटी की डेड बॉडी तो लौटा दो'', रोते-बिलखते हुए बोले शहजादी खान के पिता; UAE ने दी थी फांसी
punjabkesari.in Tuesday, Mar 04, 2025 - 04:35 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की शहजादी खान को 15 फरवरी 2025 को यूएई में फांसी दे दी गई। शहजादी पर आरोप था कि उसने 4 महीने के बच्चे की मौत में लापरवाही बरती थी। शहजादी दो साल से जेल में बंद थी और चार महीने पहले यूएई की कोर्ट ने उसे मौत की सजा सुनाई थी। शहजादी के पिता शब्बीर खान ने अपने दर्द को साझा किया और कहा कि वह अपनी बेटी की जान बचाने के लिए हर संभव कोशिश करते रहे, लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की। उन्होंने सरकार से अपील की थी कि उन्हें दुबई जाने की अनुमति दी जाए ताकि वह अपनी बेटी के अंतिम संस्कार में शामिल हो सकें।
पिता का बयान
शब्बीर खान का कहना था कि उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई, दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। जब तक सरकार से कोई जवाब आता, शहजादी को फांसी दे दी गई। शब्बीर ने रोते हुए कहा, "अगर मेरी बेटी को बचा नहीं सके, तो कम से कम उसकी डेड बॉडी तो लौटा दो।"
अंतिम कॉल की बात
शब्बीर ने बताया कि आखिरी बार जब शहजादी ने उनसे फोन पर बात की थी, तो वह बहुत घबराई हुई थी और मुश्किल से बोल पाई थी, "मेरा वक्त पूरा हो गया है।" इस पर वे दोनों रोने लगे थे। शब्बीर ने कहा कि उन्हें इस मामले में किसी से कोई मदद नहीं मिली, और उनकी आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि वे दुबई जाकर अपनी बेटी की स्थिति का पता नहीं लगा सकते थे।
सरकार पर खड़े किए सवाल
शहजादी के पिता का कहना है कि सरकार ने उन्हें कोई मदद नहीं दी और वह अक्सर सवाल उठाते हैं कि अगर उनकी बेटी किसी नेता की होती, तो क्या उसे बचाया जा सकता था?
विदेश मंत्रालय का बयान
विदेश मंत्रालय ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि 28 फरवरी 2025 को यूएई सरकार से आधिकारिक संदेश प्राप्त हुआ था कि शहजादी को दी गई मौत की सजा 15 फरवरी को पूरी कर दी गई। अदालत में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा कि यह मामला अब समाप्त हो चुका है और शहजादी के सुपुर्द-ए-खाक की प्रक्रिया 5 मार्च को होगी।