एक्शन में आई असम सरकार- अवैध बांग्लादेशियों को गिरफ्तार कर भेजा ‘नो मेन्स लैंड’

punjabkesari.in Saturday, May 31, 2025 - 05:22 PM (IST)

नेशनल डेस्क: असम सरकार अवैध बांग्लादेशियों को लेकर एक्शन मोड में आई है। सरकार ने इन लोगों की पहचान करनी शुरु कर दी है। इसी के साथ उनके वापसी के प्रोसेस को तेज़ कर दिया है। सरकार द्वारा अभी तक 49 लोगों को नो मेन्स लैंड में भेजा जा चुका है।    

7 और 29 मई को पश्चिमी और दक्षिणी असम से कम से कम 49 ऐसे व्यक्तियों को 'घोषित विदेशी नागरिक' बताकर वापस भेज दिया गया है। इस कार्रवाई ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है, जिसके बाद कम से कम तीन याचिकाकर्ताओं ने अपने परिवार के सदस्यों का पता लगाने और इस अभियान को रोकने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट और गुवाहाटी हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएँ दायर की हैं।

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सीएम ने कहा-

असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को कहा कि "पिछले कई सालों में अलग-अलग न्यायाधिकरणों की ओर से विदेशी नागरिक घोषित किए जाने के बाद 30,000 लोग गायब हो गए हैं। हमने उन्हें पता लगाने की प्रक्रिया को तेज करने का फैसला किया है, जो एनआरसी को अपडेट किए जाने के दौरान रोक दी गई थी। जैसे ही वे हमें मिलेंगे, हमें कार्रवाई करनी होगी और हम कानून के अनुसार काम कर रहे हैं।" उन्होंने कहा, "अगर कोई शख्स हाई कोर्ट में अपील नहीं करता है तो उसका भारत में रहने का अधिकार खत्म हो जाता है लेकिन अगर घोषित विदेशी शख्स यह दिखा सकता है कि उसने अपील की है तो हम उसे परेशान नहीं करते।" सीएम ने आगे कहा, "अगर अदालत ने (विदेशी घोषित करने वाले न्यायाधिकरण के आदेश पर) स्थगन दिया है तो हम कोर्ट का सम्मान कर रहे हैं और हमने ऐसे लोगों को रहने की अनुमति दी है।"

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सरमा ने बताया दो तरह के अवैध बंग्लादेशी हैं-

सरमा ने बताया कि दो तरह के अवैध बंग्लादेशी है। पहले वो जो अभी- अभी आएँ हैं और दूसरे वो जिन्हें न्यायाधिकरणों ने विदेशी घोषित किया है। उन्होंने आगे कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में आदेश दिया था कि जिन लोगों को विदेशी घोषित किया गया है और जिन्होंने कोई अपील नहीं की है, उन्हें किसी भी तरह से वापस भेजा जाना चाहिए। कल ही 35 बांग्लादेशी जो कुछ दिन पहले मेघालय की सीमा के पास सिलचर में आए थे, उन्हें पकड़ा गया और उन्हें तुरंत वापस भेज दिया गया।"

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने गुरुवार को राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दो भाइयों, अबू बकर सिद्दीक और अकबर अली, के मौजूदा ठिकाने का विस्तृत ब्योरा माँगा है. इन दोनों को पूर्व में एक न्यायाधिकरण ने 'विदेशी' घोषित किया था, जिसके बाद उन्हें सशर्त जमानत पर रिहा कर दिया गया था.

याचिका में किया गया ये दावा-

मामला तब सामने आया जब अबू बकर सिद्दीक और अकबर अली के भतीजे तोराप अली ने एक याचिका दायर की। याचिका में तोराप अली ने दावा किया है कि उनके परिवार को यह गंभीर आशंका है कि उनके दोनों चाचाओं को अवैध रूप से सीमा पार कर बांग्लादेश में धकेला जा सकता है। यह डर इसलिए भी गहराया है क्योंकि 24 मई को पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद से अधिकारियों ने उनके ठिकाने के बारे में कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया है।


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News Editor

Radhika

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