आसाराम पर डॉक्यूमेंट्री के बाद डिस्कवरी के कर्मचारियों को मिलीं रेप-मर्डर की धमकियां
punjabkesari.in Friday, Feb 07, 2025 - 03:20 PM (IST)
नेशनल डेस्क: ओटीटी प्लेटफॉर्म डिस्कवरी प्लस पर रिलीज हुई "कल्ट ऑफ फियर: आसाराम बापू" नामक डॉक्यूमेंट्री ने सोशल मीडिया और आम लोगों में बवाल मचा दिया है। इसके बाद से कंपनी के कर्मचारियों को आसाराम के समर्थकों से जान से मारने और रेप की धमकियां मिल रही हैं। इन धमकियों से घबराए हुए कर्मचारियों ने ऑफिस आना बंद कर दिया है और कई जगहों पर प्रदर्शन भी हो रहे हैं। डॉक्यूमेंट्री में आसाराम बापू की जिंदगी, उनके आध्यात्मिक गुरु होने के बावजूद बलात्कार और हत्या के गंभीर आरोपों का जिक्र किया गया है। आसाराम फिलहाल एक बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है और मेडिकल आधार पर जेल से बाहर है। डॉक्यूमेंट्री में जो जानकारी दी गई है, वह अदालत में दी गई गवाही और सार्वजनिक तथ्यों पर आधारित है।
धमकियां मिलने का सिलसिला
डॉक्यूमेंट्री के रिलीज होते ही डिस्कवरी के कर्मचारियों को धमकियां मिलने लगीं। 30 जनवरी को मुंबई-पुणे कार्यालय में भीड़ घुस आई और हंगामा किया। इसके बाद 1 फरवरी को दिल्ली, गुरुग्राम और अन्य शहरों में भी धमकी भरे ईमेल और चिट्ठियां भेजी गईं। इन धमकियों में कर्मचारियों से कहा गया कि अगर डॉक्यूमेंट्री को नहीं हटाया गया तो उनके खिलाफ हिंसा की जाएगी। कंपनी के महिला कर्मचारियों को सड़कों पर रोका गया, गालियां दी गईं और रेप की धमकियां भी दी गईं। कुछ कर्मचारियों का पीछा किया गया और उन्हें धमकाया गया कि वे सोशल मीडिया पर अपनी कंपनी का जिक्र न करें।
डिस्कवरी ने क्या कदम उठाए?
हालात को देखते हुए डिस्कवरी प्लस ने अपने कर्मचारियों के लिए सुरक्षा निर्देश जारी किए। उन्होंने कर्मचारियों से कहा कि वे अपनी पहचान छिपाकर काम करें, अकेले बाहर न निकलें और सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार का कमेंट न करें। इसके साथ ही कंपनी ने कर्मचारियों को धमकियों से बचाने के लिए पुलिस से मदद भी मांगी।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
कंपनी ने अपनी सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया कि डिस्कवरी के कर्मचारियों को सुरक्षा प्रदान की जाए और उनके कार्यालयों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। साथ ही कोर्ट ने सभी संबंधित राज्य सरकारों से नोटिस जारी करते हुए 3 मार्च तक जवाब मांगा है।
क्या कहता है कानून?
डिस्कवरी का कहना है कि यह डॉक्यूमेंट्री केवल सार्वजनिक तथ्यों और कोर्ट की गवाही पर आधारित है और इसे हटाने का कोई कारण नहीं है। हालांकि, आसाराम के समर्थक इस डॉक्यूमेंट्री को हटाने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं, जो कर्मचारियों के लिए खतरे का कारण बन चुका है।