प्रयागराज में हर दिन रहते हैं 65 से 70 लाख श्रद्धालु , भीड़ पर काबू के लिए लिया जा रहा AI का सहारा
punjabkesari.in Tuesday, Jan 21, 2025 - 09:28 AM (IST)
प्रयागराज , 20 जनवरी नरेश कुमार : प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ के प्रबंधन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बड़े पैमाने पर सहारा लिया जा रहा है। मेले के लिए गंगा नदी के किनारे बसाए गए अस्थाई शहर में 1800 सी सी टी वी कैमरे ए आई से सुसज्जित हैं। इन कैमरों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह किसी भी क्षेत्र में मौजूद लोगों की संख्या की 90 से 92 प्रतिशत तक सही गणना कर लेते हैं। जिन इंटीग्रेटिड कंट्रोल एंड कमांड सेंटरों से इन कैमरों की निगरानी हो रही है वहां मौजूद पुलिस स्टाफ कैमरों में कैचर होने वाले भीड़ को देखते ही जमीनी स्तर पर मौजूद ट्रेफिक कंट्रोल देख रहे स्टाफ को भीड़ को दुसरे रास्ते में शिफ्ट करने की कमांड दे रहे है।
इंटीग्रेटिड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के प्रभारी आई पी एस अमित कुमार ने बताया कि मेला क्षेत्र में यही तकनीक ट्रेफिक कंट्रोल के लिए भी अपनाई जा रही है और किसी भी क्षेत्र में ट्रेफिक ट्रेफिक जाम होने की स्थिति में ट्रेफिक दुसरे क्षेत्रों में डायवर्ट किया जा रहा है। रोजाना करीब 20 लाख श्रद्धालु प्रयागराज में आ रहे हैं और करीब 20 लाख कल्पवासी मेले की अवधि के दौरान प्रयागराज में ही रहेंगे। इन कलवासियों के साथ एक या दो सहयोगी होते हैं और मेले में पक्के तौर पर मौजूद साधुओं संतों को मिला कर इनकी कुल संख्या करीब 50 लाख बनती है। मोटे तौर पर प्रयागराज में प्रतिदिन 65 से 70 लाख श्रद्धालु रोजाना रहते हैं। ऐसे में इतनी बड़ी भीड़ का प्रबंधन करना भी अपने आप में बड़ी चुनौती है
आई पी एस अमित कुमार ने बताया कि "मेले में 17 प्रवेश बिंदु हैं, इसलिए वहां और निकास बिंदुओं पर आमद की निरंतर निगरानी की जा रही है। इस से केवल सटीक हेडकाउंट ही प्राप्त नहीं हो रहा बल्कि भीड़ का अनुमान लगाने और आकस्मिक योजना को सक्रिय करने में भी मदद मिल रही है। इसके लिए डाटा एनालसिस का प्रयोग किया जा रहा है उन्होंने कहा, "सरकारी अनुमानों के अनुसार, इस बार महाकुंभ में 45 करोड़ से अधिक लोग शामिल होंगे। इसलिए, भीड़ प्रबंधन एक बड़ी चुनौती है, लेकिन एआई हमें एक सहज अनुभव सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने में मदद कर रहा है।" उत्तर प्रदेश सरकार ने सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी को भी महाकुंभ में अधिकारियों को "भीड़ प्रबंधन और उनके कर्तव्यों के अन्य विविध पहलुओं का अध्ययन करने" के लिए भेजने के लिए लिखा है।