कांग्रेस की बैठक खत्म, एक साल और अध्‍यक्ष बनी रहेंगी सोनिया(Pics)

punjabkesari.in Tuesday, Sep 08, 2015 - 05:03 PM (IST)

नई दिल्ली: दिल्‍ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मंगलवार को हुई बैठक में सोनिया गांधी को एक साल और बतौर कांग्रेस अध्‍यक्ष के पद के लिए चुना गया है। यानिकी सोनिया गांधी को बतौर कांग्रेस अध्‍यक्ष एक साल और एक्‍सटेंशन मिल गया और अब अगले साल ही कांग्रेस के अध्‍यक्ष पद के लिए चुनाव आयोजित कराया जाएगा। इसी फैसले के बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक खत्‍म हो गई। 

मोदी पर निशाना, राहुल को तारीफ
इस दौरान बैठक में कई मद्दों पर बातचीत हुई। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने मोदी सरकार को वादे पूरे करने में नाकाम बताते हुए सरकार के खि‍लाफ विरोध प्रदर्शन के लिए राहुल गांधी की तारीफ की।

मोदी के चुनावी वादे महज ‘हवाबाजी’
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी के चुनावी वादे ‘हवाबाजी’ के अलावा कुछ नहीं थे। मोदी सरकार अपने कामों से अपने वादे पूरे करने में असफल रही है। उन्होंने कहा, ‘अर्थव्यवस्था धरातल की ओर जा रही है, जबकि कीमतों का बढऩा जारी है।’ उन्होंने कहा, ‘भू-विधेयक पर यू-टर्न लेना इस बात का सबूत है कि नरेंद्र मोदी की सरकार जमीनी हकीकत से अंजान है। यह बिल्कुल साफ हो गया है कि प्रधानमंत्री द्वारा अपने चुनावी अभियानों द्वारा लिए गए अधिकांश संकल्प हवाबाजी से ज्यादा कुछ नहीं है।’ 

मोदी सरकार का भू-विधेयक ‘सख्त’ 
सोनिया ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के भू-विधेयक को ‘सख्त’ बता केंद्र सरकार पर संसद की इच्छा की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘मोदी सरकार पहले एक कठोर भूमि अधिग्रहण अध्यादेश लेकर आई। सरकार ने संसद की इच्छा की उपेक्षा की और हमारे किसानों से जमीन छीनने की जल्दबाजी दिखाई।’ सोनिया ने भू-विधेयक का पुरजोर विरोध करने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं और किसानों को धन्यवाद दिया।

इतिहास दुबारा लिखने की कोशि‍श में भाजपा
सोनिया ने कहा कि मोदी सरकार बेवजह पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को निशाना बनाकर इतिहास को दुबारा लिखने की कोशि‍श कर रही है देश में अर्थव्यवस्था नीचे की ओर जा रही है और लोगों के ऊपर महंगाई को बोझ बढ़ता ही जा रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ भी मोदी सरकार की नीति समझ से परे है। पाकिस्तान के साथ कोई सुसंगत नीति बनाने की बजाय सरकार यह भी नहीं सोच पा रही है कि क्या किया जाए और क्या नहीं। 


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