सजा सुना दी 1303 को, सूली पर चढ़े सिर्फ 3

punjabkesari.in Wednesday, Jul 29, 2015 - 05:30 PM (IST)

नई दिल्लीःसाल 1993 में हुए मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन की फांसी को लेकर इतने दिनों से चला आ रहा सस्पेंस आखिरकार आज खत्म हो गया है। 30 जुलाई को फांसी टालने की याकूब की अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट के फैसले के बाद अब यह तय हो गया है कि याकूब को फांसी 30 जुलाई को  सुबह 7 बजे नागपुर जेल में ही होगी।

1993 मुंबई बम ब्लॉस्ट: याकूब को कल सुबह 7 बजे नागपुर जेल में दी जाएगी फांसी

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक़, साल 2004 से 2013 के बीच भारत में 1,303 लोगों को फांसी की सज़ा सुनाई गई। हालांकि इस दौरान केवल 3 लोगों को फांसी, जबकि 3751 लोगों की सजा उम्रकैद में बदल दी गई। फांसी की सजा का यह कोई अकेला मामला नहीं है।

फांसी दिए जाने वालों में धनंजय चटर्जी 14 अगस्त 2004 अजमल कसाब 21 नवम्बर 2012 तथा अफजल गुरु 9 फरवरी 2013 शामिल हैं।

देश में पांच एेसे राज्य हैं जिनमें सर्वाधिक मृत्युदंड के मामले सामने अाए हैं। उत्तरप्रदेश में 318,महाराष्ट्र में 108,कर्नाटक में 107,बिहार में 105 तथा मध्यप्रदेश में 104 मृत्युदंड के मामले जो कि कुल मामलों का 57 फीसदी है। 


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