आरुषि हत्याकांड पर पुस्तक : तलवार दंपति दोषी नहीं

punjabkesari.in Saturday, Jul 11, 2015 - 06:23 PM (IST)

नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत की तरफ से राजेश एवं नुपुर तलवार को उनकी बेटी, घरेलू नौकर की हत्या का दोषी ठहराए जाने के बावजूद, पत्रकार से लेखक बने अविरूक सेन ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि उन्हें दोषी साबित करने का कोई भी साक्ष्य मौजूद नहीं था।

अविरूक सेन ने दोहरे हत्याकांड के ब्यौरे पर नजर डाली है, जिसमें 13 वर्षीय आरुषि तलवार और उनके घरेलू नौकर 45 वर्षीय हेमराज बंजाड़े की 15 मई 2008 को नोएडा स्थित उनके घर में हत्या कर दी गई थी। लंबी चली जांच और सुनवाई के बाद सीबीआई अदालत ने आरुषि के माता-पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। मामले पर दोबारा अपील की गई है। सेन ने अपनी पुस्तक ‘आरुषि’ में कहा कि माता-पिता को न्याय नहीं मिला।

 सेन ने कहा, ‘‘जांच ने हर किसी को एक तरफ केंद्रित कर लिया। मुझे लगता है कि कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें लगता है कि तलवार दंपति दोषी हैं और अन्य को लगता है कि वे दोषी नहीं है। लेकिन लोगों को सबूत नहीं भूलना चाहिए। इसलिए हम जब मुद्दे पर कोई राय गढ़ते हैं-सबूत को कई बार भूल जाते हैं।’’

पेंगुइन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक की प्रस्तावना के अनुसार, आरुषि हत्याकांड को इंडियन प्रीमियर लीग की तरह मीडिया में काफी स्थान मिला। किशोरी तथा नौकर के बीच यौन संबंध की बात ने मध्यमवर्गीय भारतीय परिवारों में कौतूहल पैदा कर दिया। यह देश में सबसे चर्चित दोहरा हत्याकांड बन गया।

 सेन ने कहा, ‘‘अगर तलवार दंपति द्वारा हत्या किए जाने का कोई तथ्यगत सबूत मौजूद है, तो उनपर मुकदमा उसी तरह चलता जैसा औरों पर चलता है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि उन्हें दोषी साबित करने के कोई सबूत मौजूद हैं।’’

 लेखक कहते हैं कि मामला ‘न्याय की असफलता’ है। मीडिया में काफी बातें कही गईं, जिसने मामले को प्रभावित किया। सेन की किताब में कहा गया है कि हत्याकांड को लेकर समाचार पत्र और टेलीविजन चैनल ने अपने अनुमान तथा अपनी व्याख्या पेश की। उन्होंने पुस्तक में समाचार पत्र के घटना से संबंधित ‘डॉ.डेथ एंड हाउस ऑफ हॉरर’ और ‘अटैक शोड क्लिनिकल प्रीसिजन एंड प्लांनिंग’ के शीर्षक को शामिल किया है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News