ये रिपोर्ट PM नरेंद्र मोदी को भी कर देगी शर्मिंदा!

punjabkesari.in Thursday, May 28, 2015 - 04:15 PM (IST)

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृ‌षि संगठन की एक रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शर्मिंदा कर सकती हैं। दरअसल, हाल ही में द‌क्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में पीएम मोदी ने कहा था कि एक ऐसा वक्त था, जब‌ हमें ये कहने में शर्म आती थी कि हम हिंदुस्तान मे पैदा हुए हैं।

कोरिया और चीन में रह रहे भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा था कि लोग अक्सर कहा करते थे कि न जाने हमने क्या पाप किया है कि हमने हिंदुस्तान में जन्म लिया। ये कोई मुल्क है, ये कोई सरकार है, लेकिन अब मूड बदलने लगा है।

लेकिन वहीं अब संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृ‌षि संगठन की एक रिपोर्ट प्रधानमंत्री के दावे को सरासर नकारती हुई नजर आ रही है। संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृ‌षि संगठन की एक रिपोर्ट के भारत में कुपोषितों की संख्या 19.46 करोड़ हो गई। ये किसी भी मुल्‍क में सर्वाधिक है। दुनिया के कुल कुपोषितों में हर चौ‌था आदमी भारत का है। 

रिपोर्ट का कहना है कि अंतरराष्ट्री स्तर पर 1990-92 से 2015 के बीच कुपोषितों की संख्या में 21.6 करोड़ की कमी आई है। हालांकि इस दौरान भारत में महज 1.55 करोड़ लोग ही कुपो‌षण के स्तर से बाहर निकल पाए। 

कुपोषण के मामले में चीन ने भारत से बढिय़ा काम किया है। 1990-92 में चीन में कुपोषितों की संख्या 28.9 करोड़ थी, नए आंकड़ों के अनुसार ये कम होकर 13.38 करोड़ हो गई है। 

संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृ‌षि संगठन ने ये रिपोर्ट ''फूड सिक्योरिटी इन द‌ वल्र्ड 2015'' नाम से जारी की है।   रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने कुपोषितों की संख्या कम करने की दिशा में बेहतर काम किया है, जिसका असर दक्षिण-पूर्व एशिया समेत पूरे विश्व पर पड़ा है।‌ रिपोर्ट में कह गया है कि भारत 1996 में तय किए गए मिलेनियम डेवलपमेंट प्लान के लक्ष्यों को पूरा करने में भी असफल रहा है। 

उस समय तय किया गया था कि दुनिया भर की सरकारें 2015 तक कुपोषितों की संख्या आधी कर देंगी। 172 मुल्कों ने उन लक्ष्‍यों पर सहमति जताई थी,जिनमें 29 ही उन्हें पूरा कर पाए। भारत और चीन ने भूखमरी कम करने में सर्वाधिक योगदान दिया है। 


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